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'तीन दिन लगातार नहीं आते हैं तो स्कूल से नाम काट दीजिए', केके पाठक के सख्त आदेश के बाद मचा हड़कंप, पूरी ख़बर भारत प्राइम

 बिहार में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए केके पाठक लगातार स्कूलों का दौरा कर रहे हैं। अपने चेंबर से बाहर निकलकर कभी सीमांचल और कभी उत्तर बिहार के स्कूलों में पहुंच जा रहे हैं। उनके निरीक्षण की वजह से जहां स्कूलों की स्थिति सुधरी है। वहीं उनके सख्त आदेश के बाद छात्र भी स्कूल आने लगे हैं। ताजा मामला पूर्णिया का है, जहां उन्होंने निरीक्षण के दौरान कड़े आदेश जारी किए हैं।

 
Kk pathak action against students

प्रिंसिपल साहब ध्यान से सुन लीजिए। कोई भी छात्र तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहता है। उसका नाम काट दीजिए। उपरोक्त आदेश केके पाठक ने पूर्णिया के स्कूल का निरीक्षण करते वक्त शिक्षा अधिकारियों को दी है। सीमांचल के दौरे पर पहुंचे केके पाठक ने पूर्णिया के कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। केके पाठक इस दौरान राजा पृथ्वी चंद उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। उन्होंने विद्यालय पहुंचते ही क्लास रूम और लैब के अलावा शौचालय का निरीक्षण किया। बच्चों से बातचीत की। उनकी तकलीफ को ध्यान से सुना। उसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश जारी किए।

 

केके पाठक के सख्त आदेश

केके पाठक ने इस दौरान स्कूल में होने वाले निर्माण कार्य और स्कूल की कमियों को ध्यान से देखा और उसे दर्ज किया। उन्होंने सभी स्कूल के प्रिंसिपल को एक खास आदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज के बाद यदि कोई छात्र और छात्रा तीन दिन लगातार अनुपस्थित रहते हैं, तो उनका नाम काट दीजिए। उन्होंने शिक्षकों को कहा कि किसी को बुलाकर और मजदूरी देकर रोजाना शौचालय की सफाई को सुनिश्चित कराएं। केके पाठक ने इस दौरान बच्चों से बातचीत की। छात्राओं ने बताया कि उन्होंने उनसे बातचीत की और पूछा कि क्लास में स्टूडेंट्स उपस्थित रहते हैं कि नहीं। छात्राओं ने बताया कि उन्होंने बता दिया कि उपस्थिति ठीक रहती है।



प्रिंसिपल को निर्देश

वहीं विद्यालय के प्रधान अशोक कुमार यादव ने बताया कि केके पाठक ने कई तरह के निर्देश दिए हैं। उन्होंने छात्रों की उपस्थिति पर जोर देने को कहा। उसके अलावा छात्रों के नाम काटने के निर्देश दिए। केके पाठक ने शहर में स्कूल के समय चलने वाले कोचिंग संस्थानों पर रोक लगाने की बात कही। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कहा कि कोचिंग संस्थान को पूरी तरह बंद कराएं। वे लोग स्कूल के समय पर कोचिंग का संचालन नहीं कर सकते हैं। बच्चों के अलावा अभिभावकों ने केके पाठक के निरीक्षण को सही करार दिया। बच्चों में इस बात के लिए काफी खुशी रही। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि केके पाठक की वजह से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है।

 

केके पाठक का निरीक्षण

बिहार में बदहाल हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पैदल निरीक्षण के मैदान में उतरे केके पाठक के समर्थन में ग्रामीण आने लगे हैं। केके पाठक के निरीक्षण का असर है कि स्कूल समय पर खुलने लगे हैं। शिक्षक समय पर आने लगे हैं। उसके अलावा शिक्षा पदाधिकारी जो कल तक कार्यालय में बैठकर सिर्फ आदेश देते थे। वे फील्ड में दिखने लगे हैं। शिक्षा पदाधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। जिसकी वजह से स्कूलों में उपस्थिति बढ़ी है। छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं दूसरी ओर शिक्षक भी समय पर स्कूल आ रहे हैं। वहीं छात्रों की अनुपस्थिति पर नाम काटने के आदेश के बाद स्कूलों में नहीं आने वाले छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है।



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