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मात्र 5 साल की उम्र में सर से उठ गया पिता का साया, बेटी बनी गांव की पहली बीपीएससी अधिकारी!

 यह कहानी है एक ऐसी बेटी की जिसने अपनी मेहनत और लगन से ना केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया। छोटी सी उम्र में पिता को खो देने के बाद जीवन में चुनौतियां कई गुना बढ़ गईं। मगर इस बेटी ने हार मानने के बजाय हर मुश्किल का डटकर सामना किया और अपनी लगन और हौसले से इतिहास रच दिया।    पिता के गुजरने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया, लेकिन मां ने बेटी को पढ़ाई जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। गांव में सीमित सुविधाओं के बावजूद इस बेटी ने कभी अपनी शिक्षा से समझौता नहीं किया। दिन-रात मेहनत करते हुए उसने बीपीएससी की परीक्षा पास की और अपने गांव की पहली महिला अधिकारी बन गई। आज यह बेटी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल परिस्थितियों में अपने सपनों को साकार करने की उम्मीद खो बैठते हैं। उसकी कहानी बताती है कि मजबूत इरादे और लगातार मेहनत से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। लवली कुमारी ने बिहार लोक सेवा आयोग 69 वीं की परीक्षा में बिहार में 88 स्थान प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रौशन किया है। वे राजस्व पदाधिकारी के पद पर चयनित हुई है। उनके चयन से क्षेत्रवास...
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बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...

नई होंडा एक्टिवा ईवी स्कूटर एक बार चार्ज करने पर चलेगी 300 किमी, कीमत सिर्फ 80,000 रुपये!

  Honda Activa electric scooter: होंडा को इलेक्ट्रिक स्कूटर के बाजार में सबसे लंबे समय से मौजूद कंपनी माना जाता है। कंपनी के पास 2024 में बाजार में पेश करने के लिए नए इलेक्ट्रिक स्कूटर हैं, जहाँ नवीनतम समाचारों के अनुसार कंपनी ने योजनाओं को वापस लेने का संकल्प लिया है और होंडा एक्टिवा ईवी स्कूटर लॉन्च करने के लिए आगे बढ़ेगी जो भारतीय बाजार में अपने अद्भुत फीचर्स और डिजाइन के कारण अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जहाँ आकर्षक डिजाइन सहित अधिकांश फीचर्स, ग्राहकों को होंडा एक्टिवा ईवी स्कूटर में नए और आकर्षक फीचर्स देखने को मिलते हैं। होंडा एक्टिवा ईवी स्कूटर प्रीमियम फीचर्स टेक्नोलॉजी में हाल ही में हुए विकास का उपयोग करते हुए, होंडा कंपनी के इलेक्ट्रिक सेगमेंट के अंतर्गत आने वाले स्कूटर होंडा एक्टिवा ईवी को अब बेहतरीन आधुनिक डिजाइन और बहुत ही प्रीमियम हाई-एंड फीचर्स के साथ डिजाइन और निर्मित किया जाएगा, जिसमें स्कूटर के फ्रंट में लगा एक बड़ा हाई-डेफिनिशन डिस्प्ले शामिल है जिसमें ब्लूटूथ कनेक्शन और टच स्क्रीन मॉनिटर सहित अन्य तकनीकी विशेषताएं शामिल हैं। इस इलेक्ट्रिक स्कूटर में भी ग्राहकों ...

स्कूल के बंद कमरे में लव यू कर रहे थे गुरुजी, अचानक स्कूल पहुंच गई पत्नी!

 सरकारी स्कूल में टीचर की पत्नी ने जमकर हंगामा कर दिया। दरअसल टीचर अपने साथ पढ़ाने वाली शिक्षिका के प्यार में पागल है और स्कूल में रंगेहाथ महिला टीचर के साथ पकड़ा गया। वैशाली में एक टीचर की पत्नी ने स्कूल पहुंचकर एक शिक्षिका का सिर फोड़ दिया। साथ ही गाली-गलौज भी की। मौके पर जमकर बवाल काटा। घटना सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के नयागांव पूर्वी पंचायत स्थित मध्य विद्यालय की है। मारपीट का मामला बुधवार का है। घटना की जानकारी मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को दी। हालांकि, इस घटना को लेकर आज गुरुवार को भी स्कूल में करीब 1.30 घंटे तक हंगामा हुआ। आज भी पुलिस पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया। घटना के संबंध में बताया गया है कि मध्य विद्यालय नयागांव में पदस्थापित शिक्षक मिथिलेश राय की पत्नी बुधवार की शाम स्कूल बंद होने से कुछ समय पहले वहां पहुंची। विद्यालय की शिक्षिका को ईंट से मारकर उसका सिर फोड़ दिया। इसके बाद मिथिलेश राय की पत्नी ने शिक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए।   स्थानीय लोगों ने हेडमास्टर के रूम में जड़ा ताला लगाया स्कूल के आसपास मौजूद लोग हंगामा सुनते ही स्कूल में जुट इसक...

Success Story: वर्दी में मां को सैल्यूट', बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी मधु की कहानी सुन आंखों में आंसू आ जाएंगे!

 मानवी मधु कश्यप, जिन्होंने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था, ने बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनकर इतिहास रच दिया है। अपनी पहचान को लेकर उन्हें बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने 2022 में मद्य निषेध विभाग में सिपाही पद के लिए लिखित परीक्षा पास की, लेकिन शारीरिक परीक्षा में 11 सेकंड से चूक गईं थीं। लेकिन इस बार उन्होंने मिसाल ही कायम कर दी। उनकी कहानी सुन कर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे।  मानवी मधु कश्यप, एक ट्रांसजेंडर महिला, ने बिहार पुलिस में दारोगा बनकर इतिहास रच दिया है। अपने संघर्षों और समाज के तानों को मात देते हुए उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है। मधु की कहानी प्रेरणा देती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बिहार पुलिस में दारोगा के पद पर चयनित होने वाले तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों में मधु एकमात्र ट्रांसवुमेन हैं। बांका जिले की रहने वाली मधु ने बताया कि बचपन से ही उन्हें अपनी पहचान को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा। नौवीं कक्षा में आते-आते उन्हें एहसास हुआ कि वह दूसरे लड़कों से अलग हैं। समाज और रिश्तेदारों के तानों से बचने के लिए उ...

Success story: कभी अनाथालय में रहने वाला लड़का, आज UPSC अधिकारी बन सबकों चौंकाया !

“मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों ने जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों में उड़ान होती है।” कुछ ऐसे ही बुलंद हौसले वाले शख्स हैं शिहाब। जिन्होंने अनाथालय में रहकर UPSC जैसे एग्जाम को क्लियर करने का सपना बचपन में देखा और उसे पूरा करके भी दिया।   सिविल सर्विसेज की परीक्षा में पास होकर अपना करियर बनाने का सपना बहुत सारे स्टूडेंट्स देखते हैं लेकिन सभी का सपना पूरा नहीं हो पाता। कई बार ऐसा होता है कि उनके हालात और संसाधनों की कमी कई बार उनकी राह का रोड़ा बन जाते हैं। लेकिन केरल के रहने वाले शिहाब ने इन मुश्किलों को अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया, सालों तक अनाथालय में रहने के बाद भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा को पास किया और स्टूडेंट्स की प्रेरणा बने। नाम: मोहम्मद अली शिहाब  जन्म: 15 मार्च 1980 यूपीएससी रैंक: 226 वीं रैंक जो भी स्टूडेंट्स सिविल की परीक्षाओं की तैयारी में जुटे हैं उनके लिए शिहाब की कहानी बहुत प्रेरणादायी साबित होगी। कौन है मोहम्मद अली शिहाब? शिहाब का जन्म 15 मार्च 1980 को हुआ था, उनके पिता का नाम कोरोट अली और माता का नाम फातिमा था। उनका एक बड़ा भ...

सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने ऑफिस को बना डाला बेडरूम, बोलीं- 'बेघर हूं! क्लास पर कब्जा नहीं किया'

 अगर किसी स्कूल में जाएं. तो क्या देखने को मिलेगा? बेंच, कुर्सी, मेज या फिर ब्लैक बोर्ड वगैरह. जाहिर सी बात है स्कूल में और क्या ही देखने मिल सकता है. लेकिन जरा ठहरिए तकिया, गद्दा, बेड, अलमारी और स्टोव ये सब भी स्कूल में देखने मिल सकता है. या कहें मिला है. बिहार के एक स्कूल में प्रिंसिपल ने स्कूल को ही बेडरूम-किचन अपार्टमेंट बना डाला (Bihar principal bedroom in school). साथ ही गृहस्थी का सामान भी जुटा डाला.    स्कूल में पहली से आठवीं तक के करीब डेढ़ सौ बच्चों की क्लास सिर्फ तीन कमरों में चल रही है. ऑफिस का इस्तेमाल बच्चों की क्लास चलाने के लिए भी किया जा सकता था, मगर वहां प्रिंसिपल साहिबा परिवार समेत रह रही हैं.  3 कमरों में 1 से 8 तक की कक्षाएं चल रही हैं बताया जा रहा है, स्कूल में 150 छात्र-छात्राएं हैं. जो 1 से लेकर 8 तक की क्लास में हैं. जिनकी क्लास अब सिर्फ तीन कमरों में चल रही हैं. क्लास 1-3 तक एक कमरे में, 4-5 दूसरे में और 6-8 तीसरे कमरे में चल रही हैं. इसकी वजह स्कूल में जगह की कमी बताई जा रही है. हालांकि ऑफिस की जगह को स्कूल के काम के लिए इस्तेमाल किया जा ...