यह कहानी है एक ऐसी बेटी की जिसने अपनी मेहनत और लगन से ना केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया। छोटी सी उम्र में पिता को खो देने के बाद जीवन में चुनौतियां कई गुना बढ़ गईं। मगर इस बेटी ने हार मानने के बजाय हर मुश्किल का डटकर सामना किया और अपनी लगन और हौसले से इतिहास रच दिया। पिता के गुजरने के बाद परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया, लेकिन मां ने बेटी को पढ़ाई जारी रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। गांव में सीमित सुविधाओं के बावजूद इस बेटी ने कभी अपनी शिक्षा से समझौता नहीं किया। दिन-रात मेहनत करते हुए उसने बीपीएससी की परीक्षा पास की और अपने गांव की पहली महिला अधिकारी बन गई। आज यह बेटी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो मुश्किल परिस्थितियों में अपने सपनों को साकार करने की उम्मीद खो बैठते हैं। उसकी कहानी बताती है कि मजबूत इरादे और लगातार मेहनत से किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। लवली कुमारी ने बिहार लोक सेवा आयोग 69 वीं की परीक्षा में बिहार में 88 स्थान प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रौशन किया है। वे राजस्व पदाधिकारी के पद पर चयनित हुई है। उनके चयन से क्षेत्रवास...
बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...