सरकारी स्कूल में टीचर की पत्नी ने जमकर हंगामा कर दिया। दरअसल टीचर अपने साथ पढ़ाने वाली शिक्षिका के प्यार में पागल है और स्कूल में रंगेहाथ महिला टीचर के साथ पकड़ा गया। वैशाली में एक टीचर की पत्नी ने स्कूल पहुंचकर एक शिक्षिका का सिर फोड़ दिया। साथ ही गाली-गलौज भी की। मौके पर जमकर बवाल काटा। घटना सहदेई बुजुर्ग प्रखंड के नयागांव पूर्वी पंचायत स्थित मध्य विद्यालय की है। मारपीट का मामला बुधवार का है। घटना की जानकारी मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को दी। हालांकि, इस घटना को लेकर आज गुरुवार को भी स्कूल में करीब 1.30 घंटे तक हंगामा हुआ। आज भी पुलिस पहुंची और लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया। घटना के संबंध में बताया गया है कि मध्य विद्यालय नयागांव में पदस्थापित शिक्षक मिथिलेश राय की पत्नी बुधवार की शाम स्कूल बंद होने से कुछ समय पहले वहां पहुंची। विद्यालय की शिक्षिका को ईंट से मारकर उसका सिर फोड़ दिया। इसके बाद मिथिलेश राय की पत्नी ने शिक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए। स्थानीय लोगों ने हेडमास्टर के रूम में जड़ा ताला लगाया स्कूल के आसपास मौजूद लोग हंगामा सुनते ही स्कूल में जुट इसके बाद विद
Success Story: वर्दी में मां को सैल्यूट', बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा मानवी मधु की कहानी सुन आंखों में आंसू आ जाएंगे!
मानवी मधु कश्यप, जिन्होंने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था, ने बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दारोगा बनकर इतिहास रच दिया है। अपनी पहचान को लेकर उन्हें बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने 2022 में मद्य निषेध विभाग में सिपाही पद के लिए लिखित परीक्षा पास की, लेकिन शारीरिक परीक्षा में 11 सेकंड से चूक गईं थीं। लेकिन इस बार उन्होंने मिसाल ही कायम कर दी। उनकी कहानी सुन कर आपकी आंखों में आंसू आ जाएंगे। मानवी मधु कश्यप, एक ट्रांसजेंडर महिला, ने बिहार पुलिस में दारोगा बनकर इतिहास रच दिया है। अपने संघर्षों और समाज के तानों को मात देते हुए उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है। मधु की कहानी प्रेरणा देती है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बिहार पुलिस में दारोगा के पद पर चयनित होने वाले तीन ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों में मधु एकमात्र ट्रांसवुमेन हैं। बांका जिले की रहने वाली मधु ने बताया कि बचपन से ही उन्हें अपनी पहचान को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा। नौवीं कक्षा में आते-आते उन्हें एहसास हुआ कि वह दूसरे लड़कों से अलग हैं। समाज और रिश्तेदारों के तानों से बचने के लिए उन्होंने अ