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देश का अनोखा रेलवे स्टेशन, चंदा लेकर यात्री टिकट लेते हैं पर सफर नहीं करते, वजह जान हर कोई है हैरान!

 यूपी के प्रयागराज के पास दयालपुर रेलवे स्टेशन पर लोग टिकट जरूर खरीदते हैं लेकिन सफर नहीं करते हैं. हालांकि, ऐसा यहां के लोग मजबूरी में करते हैं. आइये जानते हैं इससे जुड़ी दिलचस्प फैक्ट्स   

Railway Awareness: रेल में बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है लेकिन देश में एक स्टेशन ऐसा है जहां मुसाफिर टिकट लेकर भी यात्रा नहीं करते हैं. थोड़ी देर के लिए आप सोचेंगे ये क्या माजरा है? लेकिन यह सच है देश में एक रेलवे स्टेशन ऐसा जहां लोग रोज टिकट लेते हैं पर सफर नहीं करते हैं. इसके पीछे लोगों की एक बड़ी मजबूरी है.

यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के एक छोटे-से गांव में है. खास बात है कि इसका निर्माण देश के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कहने पर तत्कालीन रेल मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने कराया था. हालांकि, अब आप सोच रहे होंगे कि ये सब तो ठीक है लेकिन, यह तो पता चले कि यहां पर लोग टिकट लेकर भी सफर क्यों नहीं करते हैं? तो आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की दिलचस्प वजह…  

इस अनोखे स्टेशन का नाम और पताउत्तर प्रदेश में स्थित इस रेलवे स्टेशन का नाम दयालपुर है. चूंकि इसके निर्माण में दो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री का योगदान था इसलिए ऐतिहासिक रूप से यह रेलवे स्टेशन कई मायने रखता है. 5 दशकों तक यह रेलवे स्टेशन आसपास के इलाकों के लोगों के लिए यात्रा का अहम जरिया रहा, लेकिन 2016 में यहां से परिचालन बंद कर दिया गया.


मजबूरी में बंद, मांग के चलते फिर चालूइस स्टेशन को बंद करने की वजह थी भारतीय रेलवे से जुड़े नियम व शर्तें, लेकिन ये शर्तें दयालपुर स्टेशन पूरी नहीं कर पा रहा था इसलिए इसे बंद करने का फैसला लिया गया. रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, अगर मेन रेलवे लाइन पर कोई स्टेशन स्थित है तो वहां रोजाना कम से कम 25 टिकट बिकने चाहिए. लेकिन, दयालपुर स्टेशन पर ऐसा नहीं हो रहा था इसलिए यह बंद हो गया.

ग्रामीणों ने अपनाया ये तरीकाचूंकि यह रेलवे स्टेशन 6 दशक पुराना था इसलिए दयालपुर व उसके आसपास के गांव के लोगों ने मुहिम चलाई और रेलवे से इसे दोबारा खोलने की अपील की. लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने 2022 में इस स्टेशन को फिर से चालू कर दिया.

हालांकि, इस स्टेशन को केवल हॉल्ट के रूप में खोला गया है और यहां केवल 1-2 ट्रेन ही रुकती हैं. इसके बाद स्थानीय लोगों ने संकल्प लिया कि इस स्टेशन को बंद नहीं होने दिया जाएगा. इसलिए यहां के लोग आपस में चंदा जुटाकर हर दिन न्यूतम टिकट बिक्री का टारगेट पूरा कर लेते हैं.


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