सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बिहार की राजधनी पटना में गंगा नदी में तैरता मिला ‘राम युग’ का पत्थर! वजन करने पर बढ़ने लगता है भार

 बिहार की राजधानी पटना में गंगा नदी में आज एक तैरता हुआ पत्थर मिला. पत्थर पर 'राम' लिखा हुआ था. लोगों ने पत्थर को नदी से निकालकर राजा घाट स्थित मंदिर प्रांगण रख दिया. काफी संख्या में श्रद्धालू पत्थर का दर्शन-पूजन करने के लिए पहुंच रहे हैं.  
बिहार की राजधनी पटना में गंगा नदी में तैरता मिला ‘राम युग’ का पत्थर! वजन करने पर बढ़ने लगता है भार

बिहार की राजधानी पटना स्थित राजा घाट के पास गंगा नदी में तैरता हुआ एक पत्थर मिला. तैरते हुए पत्थर को देख लोग अचंभित रह गए. लोगों ने साहस दिखाया और दो युवक ने तैर कर पत्थर को गंगा से बाहर निकाला. जब पत्थर को बाहर निकाल कर लाया गया तो लोगों ने देखा कि पत्थर पर राम लिखा हुआ था. स्थानीय लोगों ने इस पत्थर को राजा घाट के पास ही एक मंदिर के प्रांगण में रख दिया. लोग इसे राम सेतु की शिला बता रहे हैं।

 वहीं गंगा से पत्थर निकाले जाने और उस पर राम लिखे होने की सूचना जैसे ही लोगों को मिली, तब उसके दर्शन-पूजन के लिए पहुंचने लगे. लगातार श्रद्धालुओं का राजा घाट पर आना-जाना लगा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि वह इस पत्थर राम लिखा है. वह इसका दर्शन कर अपने आप को धन्य मान रहे हैं. यह राम सेतु की ही शिला है.

 

वजन करने पर बढ़ने लगता है पत्थर का भार

Bharat prime से बात करते हुए एक स्थानीय निवासी हर्ष कुमार ने कहा कि जब इस पत्थर का वजन किया गया तो पहली बार इसका वजन नौ किलोग्राम था, लेकिन धीरे-धीरे इसका वजन बढ़कर 14 किलो हो गया. वजन बढ़ता देख हम लोगों ने फिर वजन ही नहीं किया।

हर्ष कुमार ने बताया कि राजा घाट पर भगवान श्रीराम की पूजा हमेशा की जाती है. बीते वर्षों में सावन के महीने में भी कई चमत्कारिक जीव-जंतु भी मिले हैं. पिछले वर्ष गोल्डन कलर का एक कछुआ इसी घाट पर मिला था, जिसे फिर गंगा में प्रवाहित कर दिया गया था.

पटना में पहले से मौजूद हैं रामसेतु के 3 शिलाएं

पानी में तैरने वाले पत्थर यानी राम सेतु की तीन शिलाएं पटना में पहले से मौजूद हैं. एक शिला पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में, दूसरी शिला विश्व हिंदू परिषद कार्यालय में और वहीं तीसरा शिला पटना के प्रसिद्ध पाटन देवी मंदिर के प्रांगण में स्थापित है. राजा घाट पर मिले इस प्रकार के पत्थर में इसकी संख्या अब चार 

हो गई है।

Video देखने के लिए Bharat prime YouTube Facebook चैनल पर जाएं; धन्यवाद!

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...