सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मनीष कश्यप पर आखिर NSA क्यों लगाया? सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर तमिलनाडु सरकार ने दी 3 कारण, कहा -FIR रद्द नहीं कर सकते

 मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की गिरफ्तारी और उन पर एनएसए लगाने के मामले में 28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। तमिलनाडु सरकार ने अपना जवाब दाखिल किया और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा के उस सवाल का जवाब दिया कि आखिर मनीष कश्यप के खिलाफ नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) क्यों लगाया गया?  

तमिलनाडु सरकार ने 3 कारण बताए 

Why was NSA imposed on Manish Kashyap?  On the question of the Supreme Court, the Tamil Nadu government gave 3 reasons, said that the FIR cannot be canceled

पहला कारण: तमिलनाडु सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिला किया, जिसमें एक-एककर NSA लगाने की वजहें बताई गई हैं। सरकार ने दलील दी कि मनीष कश्यप के खिलाफ न तो FIR रद्द की जा सकती है और न ही एनएसए, क्योंकि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासियों की पीट-पीटकर हत्या की बात कहते हुए डॉक्टर्ड वीडियो बनाए और उसके बैकग्राउंड में फर्जी वीडियो इस्तेमाल किया।

 

दूसरी दूसरा: तमिलनाडु सरकार ने दलील दी कि मनीष कश्यप जब तमिलनाडु आए तो उन्होंने प्रवासियों से जानबूझकर उकसाने वाले सवाल पूछे। उनके सवाल से वैमनस्य और दृष्टिकोण साफ जाहिर हो रहा था।


तीसरा कारण: सरकार ने तीसरी दलील में कहा कि मनीष कश्यप ने वीडियो से छेड़छाड़ किया और जानबूझकर फेक न्यूज़ फैलाए, क्योंकि उनका मकसद सांप्रदायिक हिंसा भड़काना था।

कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि कश्यप अगली सुनवाई तक मदुरै सेंट्रल जेल में ही रहें।

 

सुनवाई के दौरान, तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कश्यप के 60 लाख अनुयायी हैं और वह पूरी तरह से नकली वीडियो ऑनलाइन अपलोड कर रहे हैं।

    सिब्बल ने यह भी कहा कि कश्यप तमिलनाडु गए और मनगढ़ंत जानकारी दी।

    "अब वह तमिलनाडु गए हैं और कहा है कि तमिल लोग बिहारियों को कैसे मार रहे हैं। वह वहां गए हैं और लोगों का साक्षात्कार लिया है। उन्होंने चुनाव लड़ा है ... वह तमिलनाडु गए हैं और वीडियो बनाए हैं और फिर यह सब गढ़ा है," उन्होंने तर्क दिया।



इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...