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बिहार के समस्तीपुर जिले की दो बहन ने गांव समेत अपनी मां बाप के सपने को पूरा किया है. एक मां जिसका सपना था कि उनकी दोनों बेटी पढ़ लिखकर डॉक्टर बने. लोग ताने मारते रहे, लेकिन मां ने सब कुछ सहन करते हुए अपनी दोनों बेटियों को एक दिन इस मुकाम तक पहुंचाकर ही दम लिया (Samastipur two sisters Crack NEET EXAM). इन दोनों बहनों का नाम है आस्था और एकता।फिल्मी कहानी से कम नहीं है इस मां बाप की संघर्ष की कहानी: समस्तीपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर मोहिउद्दीन नगर प्रखंड का आनन्द गोलवा गांव है. जहां से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो किसी फिल्म से कम नहीं है. कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था दंगल, ये कहानी इस कहानी से सटीक बैठती है. फर्क बस इतना है कि उस फिल्म में एक पिता ने अपनी बेटीयों के लिए खूब संघर्ष किया था और यहां एक मां और पिता ने अपनी बेटियों की सफलता के लिए दिन रात मेहनत की.
एक मां की दो बेटी पास की नीट परीक्षा: आनन्द गोलवा गांव की विभा सिंह की सिर्फ़ दो बेटी हीं है, अपनी दोनों बेटियों के लिए उन्होंने सिर्फ संघर्ष ही नहीं किया बल्कि समाज के ताने भी खूब सुने. ताने सुनने के बाद भी मां विभा सिंह और पिता प्रमोद सिंह ने हार नहीं मानी और एक दिन दोनो बेटियों को नीट परीक्षा पास कराकर ही दम लिया. दोनों बेटियों की कड़ी मेहनत और परिश्रम कर आज इस मुकाम को हासिल कर लिया है। दोनों बहनों ने यह साबित कर दी है कि बेटी, बेटों से कम नहीं। ऐसे ही बेटी अपने
दोनों बेटियों की सफलता पर मां-पिता की लोग कर रहे तारीफ: दोनों की इस सफलता पर कल तक जो ताना मारते थे, वह आज उसी मां और पिता की तारीफ कर रहे हैं. अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो तुरंत शेयर करें।