सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बिहार के मुंगेर में मिड-डे-मील में गड़बड़ी,थाली लेकर SDO के दफ्तर में पहुंच गईं छात्राएं, बोली क्या है सर हम...

            Image source-google 
 आप बिहार के किसी भी सरकारी विद्यालय में चले जाएं मिड-डे-मील को लेकर शिकायत सुनने को मिल जाएगी। हालांकि एक सच ये भी है कि जहां स्कूल के अन्य शिक्षक जहां इसे लेकर शिकायत करते नजर आएंगे वहीं स्कूल के हेड मास्टर साहब आपको इसके तारीफ़ करते नजर आएंगे।

             

मुंगेर के एक स्कूल की छात्राएं मिड-डे-मील की शिकायत को लेकर एसडीओ दफ्तर पहुंच गईं। अब इस मामले की जांच की जा रही है। एसडीओ ने कहा कि दोषियों के खिलाफ कानूनन कार्रवाई होगी।

मुंगेर- मिड-डे-मील में गड़बड़ी,थाली लेकर SDO के दफ्तर में पहुंच गईं छात्राएं।बोली क्या है सर हम भी इंसान है ये क्या खाना परोसा जा रहा है।

इस मामले में एसडीओ ने एमडीएम प्रभारी, स्कूल के प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से जवाब मांगा है।

                 

मामला मुंगेर के तारापुर अनुमंडल क्षेत्र में मध्य विद्यालय गोगाचक का है। शुक्रवार को छात्राएं स्कूल में मिलने वाले खाना की शिकायत लेकरएसडीओ कार्यालय पहुंच गई। छात्राओं ने एसडीओ रंजीत कुमार को थाली दिखाते हुए भोजन की गुणवत्ता और मेन्यू के अनुसार खाना नहीं मिलने की शिकायत की।

एसडीओ रंजीत कुमार ने बताया कि मध्य विद्यालय गोगाचक की कुछ छात्राएं मिड-डे-मील में गुणवत्ता की शिकायत लेकर आई थी। मामले में प्रधानाध्यापक को बुलाकर पूछताछ की गई है। इसकी जांच भी की जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि छात्राएं स्कूल कैंपस बाहर कैसे निकल गईं. इसके लिए प्रधानाध्यापक जिम्मेवार हैं। एमडीएम प्रभारी, प्रधानाध्यापक और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

       

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें । साथ में अन्य ख़बर पढ़ने के लिए फेसबुक पर जुड़े आपका अपना वेबसाइट bharatprime.com के से।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...