जहां आए दिन बिहार के सरकारी स्कूल अपने नाकामी और बदनामी को लेकर चर्चा में बनी रहती है वहीं बिहार के समस्तीपुर जिला के मोहीउद्दीन नगर प्रखण्ड के एक हेडमास्टर साहब ने ऐसा कर दिया है कि उनको समानित करने के पर टेड-एक्स (TED-X) जैसी संस्था खुद को गौरवान्वित महसूस कर रही है।
Image credit -social media
बिहार के समस्तीपुर जिला के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिवैसिंहपुर के एचएम मेघन सहनी देश व विदेश के शिक्षा प्रतिनिधियो के बीच 2 सितंबर को अपना स्पीच देंगे। इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले वे बिहार के एकलौता प्रतिनिधि होंगे।
दिल्ली के कनाट प्लेस स्थित टेडेक्स अशोका रोड के सभा कक्ष में उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिवैसिंहपुर के एचएम मेघन सहनी देशी -विदेशी शिक्षा प्रतिनिधियों के समक्ष अपना वक्तव्य देंगे।
टेडेक्स (TED-X) द्वारा आयोजित केंद्रीय कार्यक्रम
टेडेक्स द्वारा आयोजित केंद्रीय कार्यक्रम में देश-विदेश के शिक्षा से जुड़े प्रतिनिधियों व पदाधिकारी भी भाग लेंगे। जहां उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
टेड एक्स (TED-X) क्या है?
यह एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय मंच है। जिसकी स्थापना अमेरिका में फ़रवरी 1984 में हुई थी। टेड टॉक्स में पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, माइक्रोसॉफ़्ट के संस्थापक बिल गेट्स, अमेज़न के संस्थापक जेफ़ बेज़ोस, एस्ट्रोनॉट मे जेमिसन, गूगल के संस्थापक सर्गेइ ब्रिन और लैरी पेज स्पीकर के तौर पर आ चुके हैं। अगर भारत की बात करें तो शाहरुख खान भी टेड टॉक्स में बतौर स्पीकर बोल चुके हैं और इनके अलावा और भी भारतीय इस प्लेटफार्म पर आए हैं।
यह अमरीका की ग़ैर-लाभकारी मीडिया संस्था टेड (टेक्नोलॉजी, एंटरटेनमेंट, डिज़ाइन) और स्टार नेटवर्क के सहयोग से बनाया गया है। जहां अलग-अलग विचारों के लोग अपनी सोच और अपनी कहानी लोगों से शेयर करते हैं। टेड के मंच पर सिर्फ़ वही लोग बोलते हैं जिन्हें इसके लिए बाक़ायदा न्योता दिया गया हो। टेड में आने वाले वक्ता अपने-अपने क्षेत्र में कुछ ऐसा करके आते हैं जिसे जानना लोगों के लिए ज़रूरी हो।
समस्तीपुर के हेडमास्टर मेघन सहनी को क्यों मिला यह सम्मान?
वे अपने विद्यालय में निर्माणाधीन हवाई जहाजनुमा पुस्तकालय का निजी कोष से निर्माण कराया है। जिसे शिक्षा उड़ान का नाम दिया गया है। इसके बाद यहां के बच्चे हवाई जहाजनुमा शिक्षा उड़ान में बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं । एचएम श्री मेघन सहनी से जब भारतप्राइम.कॉम ने सवाल किया कि आप अपने पैसे से क्यों निर्माण कराया ,उनका कहना है जब इसी से हमारा जीवन और परिवार चलता है तो अपनी कमाई का कुछ हिस्सा लगा देना आत्मसंतुष्टि देती है, जो कि उनके लिए बहुत बड़ी बात है।
भारतप्राइम.कॉम का सवाल: ये ख्याल कैसे और क्यों आया था?
मेघन सहनी: जब हम विद्यालय में आए थे तब बच्चों का स्कूल आना काफी कम था , तभीयह ख्याल आया कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए ताकि बच्चों का स्कूल में मन लगे और वो यहां आना शुरू कर दें और यही सोच कर हवाई जहाजनुमा पुस्तकालय व ट्रेन जैसी वर्ग का स्वरूप दिया, जो सफल भी रहा।
दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें।