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बिहार : थाने में पड़े वाहनो के बदल गई नीलामी प्रक्रिया , जानिए कैसे ख़रीद सकेंगे कोई भी वाहन

               

बिहार के लोग अब कम कीमत पर पुरानी दोपहिया और चारपहिया वाहन खरीद सकते हैं, वह भी सरकार की एजेंसी से। राज्‍य में शराब के साथ पकड़ी गई गाडिय़ों की अब ई-नीलामी होगी। यानी कहीं के भी लोग किसी भी जिले के वाहन की नीलामी में आसानी से शामिल हो सकेंगे।

                   Image source-google 

एमएसटीसी (MSTC) के जिम्मे है निलामी की प्रक्रिया

प्रबंधन ने कम कीमतों पर पुराने दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए नीलामी एजेंसी का चयन किया। इसी के तहत राज्य में शराब के साथ पकड़े गए वाहनों की ई-नीलामी करने के निर्देश जारी किए गए। इस इ- नीलामी को करने के लिए एक प्रबंधन उपक्रम मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन (MSTC) लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है। छह महीने पहले पटना समेत अलग अलग जिले में ई-नीलामी प्रक्रिया का सफलपरीक्षण किया गया था। इसके बाद, विभाग ने पहले वाहनों को दस्ते मुख्यालय और अब सभी काउंटी में बेचने का निर्देश दिया। लेकिन सूत्रों की माने तो नीलामी प्रक्रिया में आम जनता से जीएसटी आदि का भी अनुरोध किया जाता है, जिससे वे नीलामी में भाग लेने से बचते हैं और लक्जरी वाहन खास लोगों तक पहुंचते हैं।

                 

  इस तरह से की जाएगी जब्त वाहनों की ई-नीलामी

ई-नीलामी प्रक्रिया के लिए सबसे पहले जब्त वाहन का विवरण एमएसटीसी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है। जो लोग ई- नीलामी में भाग लेना चाहते हैं, वे मोबाइल नंबर और वन-टाइम पासवर्ड दर्ज करके अपना पंजीकरण कराते हैं। नीलामी में भाग लेने वाले लोग भी साइट पर जा सकते हैं और कार को देखकर संतुष्ट हो सकते हैं। इसके अलावा नीलामी में शामिल होने वाले व्यक्ति चाहें तो स्थल पर जाकर वाहन को देखकर संतुष्ट भी हो सकते हैं। ई-नीलामी निर्धारित तिथि एवं समय पर होगी। इसके लिए सभी पंजीकृत व्यक्तियों को पहले से सूचित किया जाता है।

 इस तरह से होती है वाहनों की निलामी 

                 

नियमानुसार जब्त वाहन या लावारिस अवस्था में बरामद वाहनों  को 6 माह बाद दावा न करने की स्थिति में उनके निस्तारण की प्रक्रिया की जाती है। वाहन के बरामद होने पर पुलिस सबसे पहले इसे धारा 102 के तहत पुलिस रजिस्ट्री में दर्ज करती है। यह जानकारी वाहन का पंचनामा करके अदालत में दी जाती है। उसके बाद पुलिस आरटीओ कार्यालय से कार के मालिक का नाम लेती है। वाहन मालिकों को नोटिस भेजा गया है। जब वाहनों का दावा नहीं किया जाता है, तो एमएसटीसी लिमिटेड डीलरशिप को नीलामी की जानकारी प्रदान करता है। वाहन नीलामी एजेंसी कराती हैं। नए नियम के अनुसार, शराबबंदी कानून के तहत  डीएम को ही जब्त किए गए वाहनों को नीलामी में बेचने का अधिकार है। हालांकि एजेंसी ही उसकी नीलामी करती है।

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