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ग्राहक को जोमैटो से खाने के पार्सल मंगवाने पर बीस हजार रुपये मिले
ग्वालियर में एक ग्राहक को जोमैटो से खाने का पार्सल मंगाने के बदले बीस हजार रुपए मिल गए। सुनने में आपको थोड़ा अजीब जरुर लगेगा लेकिन ये हकीकत है। ग्राहक ने जीवीजी क्लब में संचालित क्लब किचिन से वेज खाने का ऑर्डर किया था लेकिन जोमैटो का डिलीवरी बॉय ग्राहक को नॉनवेज खाने का पार्सल देकर चला गया। ग्राहक इस मामले को उपभोक्ता फोरम में लेकर गया। उपभोक्ता फोरम ने क्लब किचिन को आदेश दिया कि वह ग्राहक को बीस हजार रुपए दे और साथ ही केस लड़ने में खर्च हुए ढाई हजार रुपय भी दे।
वेज खाने का किया था ग्राहक सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने ऑर्डरजानकारी के अनुसार ग्वालियर निवासी सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने जून 2021 में जीवाजी क्लब में संचालित क्लब किचिन से खाने का ऑर्डर मंगाया था। सिद्धार्थ ने वेज खाने का ऑर्डर किया। ऑर्डर के अनुसार कुछ देर बाद जोमैटो का डिलीवरी बॉय खाने का पार्सल लेकर सिद्धार्थ के घर पहुंच गया और उसने सिद्धार्थ को खाने का पार्सल दे दिया।
पार्सल खोलते ही घरवाले रह गए हैरान
खाने का पार्सल जोमैटो डिलीवरी बॉय से लेने के बाद सिद्धार्थ के घरवालों ने खाना खाने के लिए पार्सल को खोला तो वे लोग हैरान रह गए। सिद्धार्थ ने खाने में दाल तड़का, कढ़ाई पनीर तंदूर और रोटी ऑर्डर की थी लेकिन पार्सल के अंदर से नॉनवेज खाना निकला। नॉववेज भोजन देकर घर के सभी सदस्य हैरान रह गए।
क्लब किचिन में शिकायत करने से नहीं मिला कोई हलवेज भोजन की जगह नॉनवेज भोजन मिलने की शिकायत सिद्धार्थ ने क्लब किचिन में की लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। सिद्धार्थ ने खाने के लिए 260 रुपए का भुगतान भी किया था लेकिन सिद्धार्थ को न वेज खाना दिया गया और न पैसे वापस किए गए।
उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया
सिद्धार्थ श्रीवास्तव मे अपनी सुनवाई नहीं होने पर उपभोक्ता फोरम की शरण ली और मामले को उपभोक्ता फोरम में ले गए। जिस पर क्लब किचिन की ओर से तर्क दिया गया कि सिद्धार्थ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं लेकिन उपभोक्ता फोरम ने क्लब किचिन द्वारा दिए गए इस तर्क को खारिज कर दिया।
क्लब किचिन और जोमेटो को उपभोक्ता फोरम ने माना जिम्मेदार
उपभोक्ता फोरम ने वेज खाने की जगह नॉनवेज खाने की डिलीवरी के लिए क्लब किचिन के साथ ही जोमैटो को भी जिम्मेदार माना। उपभोक्ता फोरम ने सिद्धार्थ श्रीवास्तव की शिकायत को सही मानते हुए क्लब किचिन को आदेश दिया कि वह सिद्धार्थ को बीस हजार रुपए दे क्योंकि सिद्धार्थ को इस पूरे मामले से शारीरिक और मानसिक आघात पहुंचा है। इसके साथ ही उपभोक्ता फोरम नें प्रकरण में खर्च हुए ढाई हजार रुपए भी सिद्धार्थ श्रीवास्तव को देने के निर्देश दिए हैं।