अंकिता को जलाकर मारने के जुर्म में मुख्य आरोपित शाहरुख हुसैन के बाद उसका साथी नईम उर्फ छोटू खान गिरफ्तार हुआ
दुमका (Dumka) में घटित अंकिता हत्याकांड (Ankita Murder Case) मामले में पुलिस ने दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी नईम उर्फ छोटू खान (Naeeem Khan) को गिरफ्तार कर लिया है। दुमका के पुलिस अधीक्षक अंबर लकड़ा (SP Amber Lakra) ने जानकारी दी है कि आरोपी नईम को दुमका कोर्ट (Dumka Court) में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस मामले में पहले ही मुख्य आरोपी शाहरुख हुसैन (Shahrukh Khan) को गिरफ्तार कर चुकी है।
‘बात नहीं करती है तो उसकी यही सजा है’: अंकिता को जलाने वाले शाहरुख के जिगरी यार नईम के मोबाइल में मिले जहरीले वीडियो, रिपोर्ट में दावा
झारखंड के दुमका में हिंदू छात्रा अंकिता सिंह को जलाकर मारने वाले शाहरुख के दोस्त नईम खान उर्फ छोटू को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार उसके मोबाइल में आतंकी संगठन अंसार उल बांग्ला के वीडियो मिले हैं। बंगलादेश का यह आतंकी संगठन गैर इस्लामी लड़कियों से निकाह कर बच्चा पैदा करने और उन्हें मुस्लिम बनाने का पैरोकार है।
अंकिता ने लिया था नईम का नाम
अंकिता ने मरने से पहले अपने बयान में नईम उर्फ छोटू खान का नाम भी लिया था। दरअसल, अंकिता का एक वीडियो वायरल है जिसमें वो बता रही है कि मुख्य आरोपी शाहरुख ने घटना से एक दिन पहले शाम को तकरीबन 8 बजे उसे जान से मारने की धमकी दी थी। बकौल अंकिता उन्होंने ये बात अपने पिता को बताई थी। पिता ने उनसे कहा कि सुबह होने दो फिर देखते हैं। अंकिता ने आगे बताया कि सुबह 4 बजे शाहरुख ने खिड़की के जरिए पेट्रोल छिड़का और आग लगा दी। अंकिता के मुताबिक जब उन्होंने खिड़की खोलकर देखा तो शाहरुख और नईम उर्फ छोटू खान भाग रहा था। अंकिता के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है। मृत्युपूर्व दिया गया अंकिता का ये बयान आरोपियों को सजा दिलाने में अहम साबित होगा।
दुमका के जरूआडीह मुहल्ले से अंकिता की अंतिम यात्रा पुलिस के भारी पहरे के बीच निकली। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल रहे, जो अंकिता के हत्यारे को फांसी देने की मांग कर रहे थे। उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं। पिता, भाई और परिजन दहाडें मारकर रोने लगे। अंतिम यात्रा में जिले के डीसी रविशंकर शुक्ला और एसपी अंबर लकड़ भी मौजूद रहे। लोग इस बात पर भी गुस्से में हैं कि अंकिता जब अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रही थी, तब सरकार के किसी नुमाइंदे ने उसकी और उसके परिजनों की सुध नहीं ली। Image source-google