झारखंड के दुमका में 'अंकिता हत्याकांड' से साम्प्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। 17 वर्षीय अंकिता की मौत से लोगों में सरकार और प्रशासन को लेकर आक्रोश है। 22 अगस्त को एकतरफा प्यार में 'पागल' शाहरुख हुसैन ने अंकिता के घर में पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी थी। इलाज के दौरान अंकिता ने दम तोड़ दिया।
अंकिता अपनी ज़िंदगी से नहीं हारी हमारे समाज और सिस्टम के आगे हार गयी है। एक हैवान की दरिंदगी की शिकार एक बेबस बेटी ने आख़िरकार दम तोड़ दिया, नम आँखों से पु्ष्पांजलि! अगर सरकार दोषी को सख़्त सज़ा ना दिला पायी तो ये बेहद शर्मनाक होगा...दुमका की अंकिता!
जोल्हा शाहरुख हुसैन इसके पीछे तीन साल से पड़ा हुआ था... कई बार घर में घुसने की कोशिश किया था.. और हर बार इनके पिताजी मामला को समझा बुझा के निपटा देते थे.... अंकिता से इकतरफा प्यार का दम भरता था...
पिता की विवशता से जोल्हे का हौसला बढ़ते गया और 7 दिन पहले शाहरुख ने अंकिता के ऊपर पेट्रोल डाल कर आग लगा दी.. जिसमें अंकिता बुरी तरह झुलस गई...
अंकिता को दुमका के अस्पताल में भर्ती किया गया....मिलने आ रहे लोगों से अंकिता बस एक ही बात कहती थी कि..... "भैया मैं मर तो नहीं जाऊंगी न ??"और आज अंकिता ने अस्पताल में अंतिम सांस ली.... Image source-google