Hariyana: नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) इसके अंर्तगत थल सेना, वायु सेना, और जल सेना के लिए चयन होता है। यह परीक्षा UPSC परीक्षा से के जितना ही कठिन मानी जाती है। क्योंकि इसमें उम्र के अनुसार ही अवसर मिलते है।और सबसे मुख्य बात यह है की इस परीक्षा में लड़कियों के लिए सीट बहुत कम है।
इस डिपार्टमेंट में सिर्फ देश की सेवा लिए ही जॉब मिलती है। कुछ जगहों पर केवल पुरषों को ही ज्यादा मान्यता दी जाती है, क्योंकि कुछ काम पुरुषो के लिए ही होते है। भारत में हर युवा का ख्वाब होता है की वो अपने देश की सेवा करे आर्मी में भर्ती होकर अपनी भारत माता के लिए जान न्योछावर कर सके। परंतु देश की सेवा बॉर्डर पर खड़े होकर ही नही, बल्कि अपने देश में अमन और शांति बनाकर भी की जा सकती है।
आज की इस पोस्ट में हम देश की एक बेटी की बात करेंगे, जो पहली बार NDA के लिए चयनित हुई, बल्कि टॉप कर गई आइए हम बात करते है इस हरियाणा की उस लड़की की।
नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) की परीक्षा में पहली बार महिलाओ को मोका देते हुए बैच का शुभारंभ किया। जिसमे हरियाणा राज्य की बिटिया शनन ढाका ने नेशनल डिफेंस अकादमी के पहले महिला बैच में टॉप करके पूरे देश में अपना नाम बना लिया।
आपको जान कर खुशी होगी की सरकार के द्वारा NDA में लड़कियों को प्रवेश देने के फैसले के के बाद पहली बार आयोजित हुई परीक्षा में पूरे देश से शनन के साथ 51 लड़किया चयनित हुई है। जिसमे सनन प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी है। शनन (Shanan Dhaka) की सफलता से ना केवल शनन बल्कि उसका पूरा परिवार खुश है। और लोग उसे खूब बधाई दे रहे है।
बता दे की शनन का पूरा परिवार फोज में शामिल है। वे बताती है की उन्हे सेना में भरती होने की प्रेरणा घर के माहोल और मिलट्री स्कूल से मिली। शनन ढाका हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के सुंडाना गांव की रहने वाली है, परंतु कुछ समय से उनका परिवार चंडीगढ़ में रह रहा है। शनन के पिता और उसकी बड़ी बहन सेना शामिल है और देश की सेवा करते है। यह देखकर शनन ने NDA में जाने का फैसला किया।
सनन (NDA Topper Shanan Dhaka) को शुरू से ही के फोजी माहोल मिला क्योंकि उनके दादा चंद्रभान रिटायर्ड आर्मी में सूबेदार रह चुके हैं। उनके पिता विजय कुमार ढाका आनरेरी नायब सूबेदार के पद से रिटायर हो चुका हैं और सनान की बड़ी बहन जोनून ढाका आर्मी में नर्सिंग अफसर के लिए टैनिंग कर रही है।
कितने घंटे। रोज पढ़ाई करती थीं?
शनन बताती है की कक्षा 12वी के बाद से ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। परंतु सरकार की घोषणा पर जैसे ही NDA में महिलाओं को प्रवेश देने के लिए स्वीकृति मिलीl तो उन्होंने एनडीए के लिए आवेदन डाल दिया। जिसके बाद शनन के पास मात्र 40 दिन का समय था परीक्षा की तैयारी के लिए।
नेशनल डिफेंस एकेडमी पास करने की स्ट्रेटजी
उन्होंने अपनी तैयारी के लिए वेबसाइट से ओल्ड पेपर निकाल कर सॉल्व करना प्रारंभ किया। लगभग पिछले 10 वर्षों के प्रश्न पत्र सॉल्व किए। सनन कहती है की प्रश्न पत्र सॉल्व करने के लिए ढाई घंटे मिलते है। परंतु उन्होंने दो घंटे में पेपर हल करने का प्रयत्न किया। जिससे मुख्य परीक्षा में परेशानी न हो। वे रोज 10 से 12 घंटे पढ़ती रही। और आज सफल हुई। Image source-google
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