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गरीबी के चलते ट्यूशन पढ़ाती थी, पुलिस में जाना चाहती थी जला दी गई अंकिता

 

Jharkhand के दुमका  में अंकिता पांच दिन तक अपनी जिंदगी की जंग लड़ती रही। लेकिन 28-29 अगस्त की दरमियानी रात को वो इस जंग में हार गई। दरअसल, दुमका नगर थाना क्षेत्र के जरूवाडीह मोहल्ले में शाहरुख (Shahrukh) और अंकिता रहते थे। 

 

शाहरुख अंकिता के पीछे पड़ा था। उसने अंकिता को प्रपोज भी किया था और अंकिता ने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इसलिए आरोपी शाहरुख ने 22 अगस्त को अंकिता पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। बुरी तरह से जली अंकिता को दुमका मेडिकल कॉलेज के बाद रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया ना जा सका।

 

राज्य पुलिस में जाना चाहती थी अंकिता

 रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता बारहवीं की पढ़ाई कर रही थी। वो भविष्य में पुलिस में जाना चाहती थी। अंकिता के परिवार में पिता, दादा, दादी, छोटा भाई और बड़ी बहन हैं। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है। छोटा भाई पढ़ाई करता है। मां की कुछ साल पहले मौत हो गई थी। वो कैंसर से जूझ रही थीं। उनका इलाज मुंबई में करवाया था। काफी खर्चा हुआ था। इसलिए घर में आर्थिक तंगी थी। आर्थिक तंगी के चलते अंकिता मोहल्ले के छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। सारे सबजेक्ट।अंकिता के पिता का नाम संजीव सिंह है। संजीव एक किराने की दुकान में काम करते हैं।  हर दिन दुकान से मेहनताना मिलता है।

 

रिपोर्ट के मुताबिक, अंकिता के दादा-दादी की उम्र ज़्यादा थी, भाई की कम उम्र थी और पिता से अंकिता को डर लगता था, इसलिए शाहरुख के बारे में वो कभी किसी से खुलकर बात नहीं कर पाई। अंकिता को लगता था अगर उसने पिता को शाहरुख की हरकतों के बारे में बता दिया, तो वो उसे घर से बाहर नहीं जाने देंगे। लेकिन 22 अगस्त को शाहरुख ने जब अंकिता को जान से मारने की धमकी दी, तो अंकिता ने अपने पिता से इस बारे में बात की। अंकिता के पिता ने सुबह पुलिस में FIR दर्ज करवाने की बात कही। लेकिन शाहरुख ने सुबह 4 बजे ही अंकिता के कमरे की खिड़की से उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।

 

मिली जानकारी के मुताबिक शाहरुख पांचवी तक पढ़ा हुआ है और अभी टाइल्स लगाना और पेंट करना जैसे काम करता है। वो कई दिनों से अंकिता के पीछे पड़ा था. उसे परेशान करता था। और सिर्फ अंकिता ही नहीं, वो कई और लड़कियों के पीछे पड़ चुका था। उन्हें बहुत परेशान करता था। Image source-google 

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