सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बिहार के किसान के बेटे ने हासिल की दूसरी रैंक, BPSC में लहराया सफलता का परचम, मिला यह पद

 

66वीं बीपीएससी में नालंदा के एक किसान के बेटे अंकित कुमार ने दूसरा स्थान हासिल किया है।
       Image source-google 
66वीं बीपीएससी में नालंदा के एक किसान के बेटे अंकित कुमार ने दूसरा स्थान हासिल किया है। अंकित ने प्रभात खबर को बताया कि उनके पिता मध्यम दर्जे के किसान है और आज भी पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं।

 

आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें । साथ में अन्य ख़बर पढ़ने के लिए फेसबुक पर जुड़े आपका अपना bharatprime.com के से।

उनकी आरंभिक शिक्षा दीक्षा गांव के स्कूल में ही हुई। आगे छठवीं क्लास से उन्हें पढ़ने के लिए बेंगलुरू के मिलिट्री स्कूल में भेज दिया गया।

 

वहां के बाद आइआइटी गुवाहाटी से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 2016 में बीटेक करने के बाद से बीपीएससी की तैयारी में जुट गया। यह उनका तीसरा चांस था। पिछले प्रयास में तो वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाये थे, लेकिन इसमें सब कुछ उनके मनमाफिक रहा और वे परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल रहे।

बिहार पुलिस सेवा उनका पहला च्वाइस था और वे डीएसपी पद के लिए चयनित हो गये हैं। अपनी सफलता का पूरा श्रेय अंकित अपने पिता और पूरे परिवार को देते हैं। उनके मित्राें ने भी तैयारी में उनकी पूरी मदद की।

 

बीपीएससी की तैयारी करने वाले सभी छात्राें को वे धैर्य बनाये रखने और लगातार योजनाबद्ध ढंंग से तैयारी जारी रखने का सुझाव देते हैं। ऐसा करने पर देर या सवेर सफलता जरूर मिलती है। 66 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में इस बार मानविकी विषय के छात्राें की बजाय इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों का दबदबा रहा है।

 

टॉप करने वाला सुधीर जहां आइआइटी दिल्ली का छात्र है वहीं द्वितीय स्थान प्राप्त अंकित कुमार, छठा स्थान प्राप्त मोनिका कुमारी, आठवें स्थान प्राप्त सदानंद कुमार और नवें स्थान प्राप्त आयुष कृष्ण आइआइटी गुवाहाटी से हैं। दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें। 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...