7 दिन चले 5-जी स्पेक्ट्रम से सरकार की कमाई
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी बहुत अच्छे से सफलतापूर्वक संपन्न हुई। ऑक्शन के 7वें दिन 70 से अधिक फीसदी 5-जी स्पेक्ट्रम की नीलामी संपन्न हो गई। स्पेक्ट्रम की इतनी बिक्री पूरे देश को 5G सेवा देने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि नीलामी के लिए उपलब्ध 72,098 मेगाहर्ट्ज़ में से 51,236 मेगाहर्ट्ज़ की बिक्री हुई। सरकार ने बोली के जरिए 1,50,173 करोड़ रुपये की कमाई की है।
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अडानी रहे सबसे पीछे, 5-जी स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे कम स्पेक्ट्रम की खरीदारी की
5-जी स्पेक्ट्रम नीलामी में पहली बार हिस्सा लेने वाली अडानी डेटा नेटवर्क लिमिटेड ने मिलीमीटर-वेव बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम अपने नाम किया. इसके लिए उसने कुल 212 करोड़ रुपये खर्च किए. नीलामी में हिस्सा लेने वाली सभी टेलीकॉम कंपनियों को अब रकम चुकाने के लिए 10 दिन के अंदर पहली इंस्टॉलमेंट देनी होगी. कुल 20 इंस्टॉलमेंट में यह रकम चुकाने की छूट टेलीकॉम कंपनियों को दी गई है।
ऐयरटेल 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में रहा दूसरे स्थान पर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारती एयरटेल ने 19,867 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम खरीदा और 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 3300 MHz & 26 GHz बैंड की बोली लगाई। भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपये खर्च किए. इसी तरह वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने 6228 मेगाहर्टज़ स्पेक्ट्रम लिया। उसने 1800 MHz, 2100 MHz, 2500 MHz, 3300 MHz & 26 GHz बैंड में 18,799 करोड़ रुपये की बोली लगाई।
5-जी स्पेक्ट्रम निलामी में रिलायंस जियो रहा नम्बर एक पर
5-जी स्पेक्ट्रम के सबसे ज्यादा गीगा हर्टज और मेगाहर्टज बैंड की खरीदारी रिलायंस जिओ ने की है। नीलामी के आंकड़ों के अनुसार रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने 24,740 मेगाहर्ट्ज़ स्पेक्ट्रम लिया है। इसमें 700 MHz, 800 MHz, 1800 MHz, 3300 MHz & 26 GHz बैंड शामिल हैं. जिओ ने स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए सबसे ज्यादा 88,078 करोड़ रुपये खर्च किए।
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