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अमेरिका में पढ़ेगा पटना के दिहाड़ी मजदूर का बेटा, पढ़ाई के लिए मिले 2.5 करोड़ रूपए की स्कॉलरशिप,माता-पिता आज तक नहीं गए स्कूल

अमेरिका में पढ़ेगा पटना के दिहाड़ी मजदूर का बेटा: लाफायेट कॉलेज देगा 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप, माता-पिता आज तक नहीं गए स्कूल

Patna's daily wage laborer's son will study in America: अमेरिका में पढ़ेगा पटना के दिहाड़ी मजदूर का बेटा: लाफायेट कॉलेज  (Lafayette College ) देगा 2.5 करोड़ की स्कॉलरशिप, माता-पिता आज तक नहीं गए स्कूल।

 आईए जानते हैं विस्तार से 
पटना का प्रेम कुमार अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान से ग्रेजुएशन करेगा। संस्थान की ओर से प्रेम को स्कॉलरशिप भी दी जा रही है।  प्रेम कुमार दिहाड़ी मजदूर का बेटा। 17 वर्षीय प्रेम कुमार को 2.5 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप दी जा रही है। उसके रहने खाने का खर्च भी कॉलेज प्रबंधन उठाएगा। सबसे बड़ी बात है कि अपने परिवार का प्रेम पहला सदस्य है, जो कॉलेज जाएगा। फिलहाल यह शोषित समाधान केंद्र में 12वीं का छात्र है। यह स्कॉलरशिप प्रेम को बता लाफायेट कॉलेज से मिल रहा है। यह कॉलेज लगातार अमेरिका के टॉप 25 कॉलेज में शामिल है। प्रेम कुमार लाफायेट कॉलेज चार साल तक मैकेनिकल इंजीनियरिंग और अंतर्राष्ट्रीय संबंध की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा।
 
कॉलेज ने भेजा पत्र
प्रेम को भेजे गए स्वीकृति पत्र में लाफायेट कॉलेज में एडमिशन के डीन मैथ्यू एस हाइड लिखते हैं, ‘बधाई हो! यह साझा करते हुए मुझे पूर्ण प्रसन्नता हो रही है कि आपको लाफायेट कॉलेज में स्वीकार कर लिया गया है। हम वंचित समुदायों की सेवा करने की आपकी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प से प्रेरित हुए। आपकी उत्कृष्ट उपलब्धि के कारण आपको एक मार्क्विस स्कॉलर के रूप में चुना गया है। यह सम्मान अत्यधिक प्रतिष्ठित है और इस उपलब्धि पर आपको गर्व होना चाहिए।'
  क्यों ख़ास माना जाता है यह उपलब्धि?
वह दुनिया के 6 छात्रों में से एक है, जिसे लाफायेट कॉलेज से प्रतिष्ठित ‘डायर फैलोशिप’ प्राप्त करने का मौका मिला। लाफायेट के अनुसार यह फेलोशिप उन चुनिंदा छात्रों को दी जाती है, जिनमें दुनिया की कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान निकालने के लिए आंतरिक प्रेणा और प्रतिबद्धता हो। 14 वर्ष की उम्र में प्रेम को राष्ट्रीय संगठन डेक्स्टेरिटी ग्लोबल द्वारा पहचाना गया। तब से उसे डेक्स्टेरिटी ने लगातार प्रशिक्षित किया। डेक्सटेरिटी ग्लोबल एक राष्ट्रीय संगठन है, जो शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षण के माध्यम से भारत और विश्व के लिए नेतृत्व की अगली पीढ़ी तैयार करने में जुटा है।
 
‘मेरे माता-पिता कभी स्कूल नहीं गए’-प्रेम 
एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आर्दश मानने वाला प्रेम अपने माता पिता के एकलौते बेटे हैं और उनकी 5 बहने हैं। लगभग 10 साल पहले उनकी मां कलावती देवी का देहांत हो गया। उसके बाद से बराबर उन्होंने अपने पढ़ाई को ही अपना लक्ष्य बनाया। छात्रवृत्ति मिलने पर प्रेम ने कहा, मेरे माता-पिता कभी स्कूल नहीं जा सके। वो खेतों में दिहाड़ी मजदूर का काम करते हैं, मेरे लिए यह अविश्वसनीय है!
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