चीनी स्मार्टफोन कंपनी (Chinese smartphone company) Oppo और OnePlus को बड़ा झटका लगा है। ये झटका कभी मोबाईल फोन की दुनियां में राज कर चुकी Nokia की वजह से लगा है।
Nokiamob.net की एक रिपोर्ट के अनुसार, मैनहेम रीजनल कोर्ट ने पेटेंट विवाद का फैसला नोकिया के पक्ष में सुनाया है।
कोर्ट ने ये फैसला नोकिया के दायर किए गए उस केस में दिया जिसमें कंपनी ने Oppo और OnePlus पर पेटेंट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इससे पहले नोकिया इन चीनी कंपनियों के साथ समझौता चाह रहा था लेकिन, विफल होने पर पिछले साल चार अलग-अलग देशों में ओप्पो पर केस दर्ज करवाया गया था।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अब इस फैसले की वजह से Oppo और OnePlus अपने डिवाइस को जर्मनी में नहीं बेच सकते हैं। नोकिया ने Oppo के खिलाफ पेटेंट विवाद में अपनी पहली जीत हासिल की है। हालांकि, इस केस में ये पहला फैसला है। फिलहाल के Oppo और उसके सहयोगी ब्रांड OnePlus जर्मनी में मोबाइल डिवाइस नहीं बेच सकते हैं जो नोकिया के यूरोपीय पेटेंट EP 17 04 731 का उल्लंघन करते हैं।
यानी अब जर्मनी के लोग ओप्पो और वनप्लस के स्मार्टफोन नहीं खरीद पाएंगे। हालांकि नोकिया ने ओप्पो के खिलाफ पेटेंट विवाद में अपनी पहली जीत हासिल की है। इसलिए यह इस लड़ाई का पहला फैसला है जिसके अनुसार सिर्फ अभी के लिए ओप्पो और उसके सहयोगी ब्रांड वनप्लस जर्मनी में अपने मोबाइल नहीं बेच पाएंगे।
Apple और Lenovo को भी अदालत में ले जा चुकी है Nokia
Apple और Lenovo को भी अदालत में ले जा चुकी है Nokia
ओप्पो पहली कंपनी नहीं है जिस पर नोकिया ने मुकदमा किया है। मई 2017 में Apple ने पेटेंट मुकदमे को निपटाने के लिए Nokia को 2 बिलियन डॉलर का भुगतान किया था। हालाँकि दोनों कंपनियों ने अपने विवाद को जल्दी सुलझा लिया और अब कई तकनीकों पर एक दूसरे को सहयोग करती हैं। नोकिया ने अमेरिका, ब्राजील, भारत और जर्मनी में एक और चीनी कंपनी लेनोवो के खिलाफ भी पेटेंट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया था। यह लगभग एक साल तक चला और आखिरकार दोनों कंपनियों ने अप्रैल 2022 में इसे सुलझा लिया
क्या है Nokia, oppo और OnePlus विवाद
यह पेटेंट कथित तौर पर वाईफाई कनेक्शन को स्कैन करने के लिए तकनीक की रक्षा करता है। जुलाई 2021 में नोकिया ने भारत, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी सहित एशिया और यूरोप के कई देशों में ओप्पो के खिलाफ कई पेटेंट उल्लंघन के मुकदमे दायर किए। मुकदमे में ओप्पो पर अपने उपकरणों में वैध लाइसेंस के बिना पेटेंट नोकिया तकनीक का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है। ओप्पो और नोकिया ने नवंबर 2018 में एक समझौता किया था जो जून 2021 में समाप्त हो गया था।
Nokia क्या मानती है?
नोकिया का कहना है कि ओप्पो ने उसके "निष्पक्ष और उचित" प्रस्ताव को खारिज कर दिया। ‘हम ओप्पो के साथ अपने पेटेंट लाइसेंसिंग समझौते के नवीनीकरण के लिए बातचीत कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से, उन्होंने हमारे उचित प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है। मुकदमेबाजी हमेशा हमारा अंतिम उपाय है, और हमने मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए स्वतंत्र और नीयूट्रल मध्यस्थता में प्रवेश करने की पेशकश की है। हम अब भी मानते हैं कि यह आगे का सबसे अच्छा तरीका होगा।’
Oppo और OnePlus का क्या है कहना?
ओप्पो ने इस मुकदमे को चौंकाने वाला बताया और नोकिया के खिलाफ काउंटर मुकदमे दायर किए। ओप्पो ने कहा ‘कंपनी अपने और थर्ड पार्टी के बौद्धिक संपदा अधिकारों (intellectual property rights) के सम्मान के साथ उनकी रक्षा भी करती है और उद्योग में पेटेंट लाइसेंसिंग सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।’ नोकिया के मुकदमे के कुछ ही महीने बाद सितंबर 2021 में ओप्पो ने चीन और यूरोप में नोकिया के खिलाफ कई पेटेंट उल्लंघन के मुकदमे दायर किए। इन पेटेंट में सभी 5G मानक आवश्यक पेटेंट शामिल हैं।
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