बिहार में छोटे बच्चों के लिए सभी 38 जिलों में बाल वाटिका खोली जाएगी। बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के मुताबिक शिक्षा मंत्रालय ने इस वित्त वर्ष में सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में भी 3,417 बाल वाटिका खोलने की सहमति देते हुए बिहार सरकार को चिट्ठी लिखी है। बता दें कि आने वाले कुछ सालों में विद्यालयों में बाल वाटिका और स्मार्ट कक्षा शुरू की जाएंगी।
क्या है बाल वाटिका :
नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू किया गया है। जिसे बाल वाटिका नाम दिया गया है। इसकी शुरुआत करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड है जो कि 6 जुलाई 2022 से बाल वाटिका को 5 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल शुरू कर दिया है।
इनमें तीन साल तक के बच्चों की नर्सरी क्लास चलाई जाएगी। इतना ही नहीं जिन राज्यों में आंगनबाड़ी केंद्रों के एक किलोमीटर के दायरे में प्रारंभिक विद्यालय नहीं है उनमें भी बाल वाटिका खुलेगी। साथ ही केंद्रों की आंगनबाड़ी सेविकाओं को बच्चों को नर्सरी कक्षा में पढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला में शिक्षा निदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से उसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्री-स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब शिक्षा विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी। बाल वाटिका 6 जुलाई से शुरू किया जा रहा है, इसके लिए सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी निभानी होगी अभी तक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास पोषण से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी होती है। इसमें बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जाता है। इस तरह से आंगनवाड़ी केन्द्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब दोगुना जिम्मेदारी निभानी होगी।
क्यों शुरू किए जा रहे बाल वाटिका
नई शिक्षा नीति में शिक्षा विभाग के ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया है। सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर प्री प्राइमरी कक्षाएं प्रारंभ होनी है। नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान किया गया है। इस कक्षा को बालवाटिका नाम दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान किया जाएगा। नए प्रावधानों के अनुसार 3 से 8 साल तक के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज की बात कही गई है। इसमें दो साल आंगनबाड़ी के होंगे। इसके बाद एक साल बालवाटिका का और फिर पहली और दूसरी कक्षा होगी। यह तीनों कक्षाएं स्कूल में संचालित होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य का कहना है कि केंद्र सरकार ने स्कूली शिक्षा के लिए समग्र शिक्षा योजना के कार्यकाल को 2026 तक बढ़ा दिया है। इस पर करीब 2.94 लाख करोड़ रुपये का खर्चा भी आएगा। बता दें कि इस संशोधित समग्र शिक्षा योजना को पांच साल की अवधि के लिए मतलब 1 अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक जारी रखने के लिए मंजूरी दी गई है। इसके मुताबिक प्ले स्कूल खोलने को सहमति मिली है। बाल वाटिका में बच्चों में बेसिक शिक्षा की जानकारी की नींव मजबूत होगी।
गौरतलब है कि इन बाल वाटिका में बच्चों को खेल-खेल में बहुत कुछ सिखाया जाएगा। यह बाल वाटिका प्री स्कूल की तरह ही होगी। बाल वाटिका में बच्चों की नर्सरी शिक्षा के लिए अध्यापकों और आंगनबाड़ी सेविकाओं की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आंगनबाड़ी सेविकाओं को तो बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा के लिए ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है। बाल वाटिका में खेलों को बढ़ावा देने के लिए अलावा अनुदान भी दिया जाएगा। तो वहीं दूसरी ओर इसी तरह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का दायरा बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा।
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