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Professor Lalan Kumar : वेतन लौटाने को लेकर चर्चा में आए सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार की कहानी वैसी नहीं है, जैसी खबरें मीडिया में चल रही है?

इन दिनों भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर द्वारा पढ़ाने के लिए बच्चे नहीं मिलने पर अपनी पूरी सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटाने से जुड़ी खबर को सुर्खियो में है ।वैसे खबर यह है कि नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने अपनी तीन साल की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए यूनिवर्सिटी को लौटा दी क्यों कि इस दौरान छात्र पढ़ने नहीं आ रहे थे। हालांकि बिहार में विरोध का यह तरीका नया है इसलिए इस विरोध को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों मत सामने आ रहे है। अब इसमें एक नया कथित नया मोड़ आ गया है। इसमें दावा किया जा रहा है ...

 

चेक दिया 23 लाख का और खाते में केवल 970 रुपए

एक भी छात्र को नहीं पढ़ा पाने का हवाला देकर वेतन के 23.82 लाख रुपए विवि को लौटा कर पूरे देश में सुर्खियां बटोरने वाले नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार अब घिरते नजर आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस अकाउंट नंबर का चेक प्रोफेसर डॉ ललन कुमार विवि को दिया था, उसमें सिर्फ 970.95 रुपए ही है।

ट्रांसफर कराने के लिए था स्टंट?

अकाउंट में केवल 970.50 रुपए होने की बात सामने आने पर अब सवाल उठ रहे हैं कि सहायक प्रोफेसर ललन कुमार ने ट्रांसफर कराने के लिए तो यह स्टंट नहीं लिया था। विवि इस पूरे मामले की जांच कर रहा है। इस मामले में नीतीश्वर कॉलेज के प्राचार्य से भी जवाब मांगा गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डॉ ललन कुमार ने विवि को मिठनपुर एसबीआई ब्रांच का चेक दिया था। जिसमें अकाउंट नंबर (20181212259) के चेक (959622) से नियुक्ति तिथि 25 सितंबर, 2019 से मई 2022 तक की सैलरी 23.82 लाख रुपये वापस किया था।

 जब चेक दिया तो खाते में थे 968.95 रुपए

जांच में पता चला कि प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार के अकाउंट में 970.95 रुपए हैं। 5जुलाई को उन्होंने चेक भर कर विवि को भेजा था। उस दिन उनके खाते में 968.95 रुपए थे। 6 जुलाई को उनके अकाउंट में दो रुपए और क्रेडिट हुए थे। इसके पहले 27 जून को खाते से 1.95 लाख रुपए का लेन-देन हुआ है।

सोशल मीडिया में चल रहे पेपर कटिंग का जब bharatprime.com ने अपने स्तर से फैक्ट चेक किया की दिया गया अकाउंट नम्बर किसका है तो ये पता चला कि ये बैंक अकाउंट नम्बर प्रोफ़ेसर ललन कुमार का ही है। ये भी सही पाया गया कि ये अकाउंट नम्बर मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा एसबीआई ब्रांच का ही है। लेकिन भारतप्राइम. कॉम इस बात की पुष्टि नहीं करता है कि इस अकाउंट में कितने रुपए हैं।

ओपिनियन (opinion) विरोध का तरीका जो भी हो लेकिन ललन कुमार के इस कदम से बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर से नये नजरिए से सोचने की जरूरत जरूर आन पड़ी है । ये बात तो सही है कि बिहार के बहुत सारे कॉलेज हैं जहां छात्र सिर्फ एडमिशन लेते हैं एग्जाम का फॉर्म भरकर एग्जाम देते हैं। क्लास करने कॉलेज कभी नहीं जाते हैं।

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Image source-social media /Google 




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