सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कौन हैं 'भाबी जी घर पर हैं' के Deepesh Bhan उर्फ मलखान? | निधन,जीवनी, संघर्ष, सफलता, प्रेमिका, शादी और अधिक

                

कौन हैं 'भाबी जी घर पर हैं' के Deepesh Bhan उर्फ मलखान? | निधन,जीवनी, संघर्ष, सफलता, प्रेमिका, शादी और अधिक
               

 सार 

दीपेश भान (1981-2022) एक भारतीय टेलीविजन अभिनेता थे, जिन्हें लोकप्रिय हिंदी टीवी धारावाहिक 'भाबी जी घर पर है!' (2015) में मलखान की भूमिका निभाने के लिए जाना जाता था।

विस्तार 

Deepesh Bhan No more: छोटे पर्दे के मशहूर एक्टर दीपेश भान (Deepesh Bhan) का निधन हो गया है। अचानक से हुए दीपेश भान के देहांत से हर कोई हौरान है। ख़बर पर एंटरटेनमेंट जगत से लेकर उन्हें जानने वाले बहुत से लोग यकीन नहीं कर पा रहे हैं।

अभिनेता दीपेश भान 41 साल के थे। 'भाबी जी घर पर हैं' में दर्शकों को उनका मलखान का किरदार को बहुत पसंद आता था। उनकी कॉमेडी सबको हँसने पर मजबूर कर देती थी।

शो में अंगूरी भाबी का किरदार निभा रहीं शुभांगी अत्रे ने ई टाइम्स के बात करते हुए कहा कि दीपेश भान की मौत ब्रेन हैमरेज के कारण हुई है. उन्होंने बताया, ''दीपेश भान सुबह एकमद ठीक थे। मैं उनकी बिल्डिंग में ही रहती हूं. आज सुबह वह अपने दोस्तों के साथ अच्छे भले क्रिकेट खेल रहे थे कि तभी अचानक वह जमीन पर गिर पड़े। ऐसे में वहा मौजूद लोगों ने दीपेश को उठाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसके बाद दीपेश भान को आनन-फानन में हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पहले हमकों उनकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया, लेकिन अब जानकारी दी गई है कि दीपेश भान की मौत ब्रैन हेमरेज से हुई है।''

                   

दीपेश भान की जीवनी

आयु: 41 वर्ष

 मृत्यु तिथि: 22/07/2022

 मौत का कारण: ब्रेन हेमरेज

 कैरियर और जीवन सफ़र 

दीपेश ने एक थिएटर कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया और अमिताभ दास गुप्ता थिएटर ग्रुप जैसे विभिन्न थिएटर समूहों में काम किया। 2007 में, उन्होंने हिंदी फिल्म 'फालतू उत्पतंग छुटपाती कहानी' में सहायक भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने टीवी धारावाहिकों के लिए ऑडिशन दिया और विभिन्न हिंदी टीवी धारावाहिकों में सहायक भूमिकाएँ निभाईं। वह 'सुन यार चिल मार' (2007), 'कॉमेडी का किंग कौन' (2016), और 'भूतवाला सीरियल' (2017) जैसी कुछ हिंदी टीवी श्रृंखलाओं में दिखाई दिए। उनके कुछ लोकप्रिय हिंदी टीवी धारावाहिक 'एफआईआर' (2006), 'भाबी जी घर पर हैं!' (2015), और 'मे आई कम इन मैडम?' (2016) हैं।

उन्होंने आमिर खान के साथ सैमसंग मोबाइल और सचिन तेंदुलकर के साथ तोशिबा जैसे कुछ टीवी विज्ञापनों में काम किया।

                   

 दीपेश भान ने दिल्ली से ग्रेजुएशन किया और फिर NSD चले गए। एक्टिंग का कोर्स पूरा करने के बाद वह साल 2005 में मुंबई आए और फिर करियर की शुरुआत की।

 एक्टिंग करियर 16 साल का था संघर्ष 

 एक्टिंग करियर में अपना नाम बनाने के लिए 16 साल पहले मुंबई आए थे। दीपेश के शुरुआती दिन मुंबई में बहुत मुश्किल से बीते।

शुरू-शुरू में उन्होंने टेलीविजन इंडस्ट्री और मुंबई की सड़कों के खूब चक्कर लगाए। एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो के घूमने के बावजूद भी काम मिलना बड़ी चुनौती थी।

लगातार प्रयास करने के बाद उन्हें सब टीवी के शो 'एफआईआर' में मौका मिला जिसमें उन्हें हवलदार की भूमिका मिली।

उस शो से उन्हें थोड़ी बहुत लोकप्रियता मिली लेकिन असली पहचान एंड टीवी के शो 'भाबी जी घर पर हैं' में मलखान के किरदार से मिली।

इस शो में वो एक नौजवान बेरोज़गार का किरदार निभाते हैं जो मोहल्ले में अपने दोस्तों के साथ मज़ाक मस्ती करता रहता है और उसे और उसके बेरोज़गार दोस्तों को नौकरी की तलाश है।

                   

एंड टीवी शो के किरदार से मिली पहचान:

एंड टीवी शो के 'भाबी जी घर पर हैं' के किरदार से दीपेश भान को मिली पहचान। 'भाबी जी...' में उनके डायलॉग लोगों को बहुत पसंद थे। वो अलीगढ़ की बृज भाषा में बोलते थे, 'का चल्लो है?', 'का होरो है?' इन पंचलाइन ने ही उनके किरदार को फेमस बना दिया। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया था कि दिल्ली में थियेटर के दिनों में ब्रज सीखी थी। वहां टीचर ने सभी को अलग-अलग भाषाओं को समझने की सलाह दी थी। 'भाबी जी...' के ऑडिशन के दौरान दीपेश ने अपने किरदार के लिए ब्रज भाषा का इस्तेमाल किया और निर्देशक शशांक बाली को ये पसंद आया और वो सिलेक्ट हो गए थे। लेकिन इसके अलावा इस कलाकार की पहचान क्या थी चलिए इस खबर में आपको बताते हैं।

इसके अलावा दीपेश फिल्म 'फालतू उटपटांग चटपटी कहानी' में भी अभिनय कर चुके हैं।

इतना ही नहीं दीपेश 'कॉमेडी का किंग कौन', 'कॉमेडी क्लब', 'भूतवाला', 'एफआईआर' मे आई कम इन मैडम समेत कई शो में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके हैं।

उन्होंने अपने टीवी धारावाहिकों के लिए विभिन्न पुरस्कार जीते हैं।         

परिवार

उसके माता-पिता का देहांत हो चुका है। उनके भाई का नाम अनिल भान है।

शादी, पत्नी और बच्चे (Marriage, wife and children)

 26 जनवरी 2019 को उन्होंने दिल्ली की एक लड़की से सगाई कर ली, और इसी साल 17 अप्रैल 2019 को दोनों ने शादी कर ली। 14 जनवरी 2021 को, दंपति को मीत भान नाम के एक बच्चे का जन्म हुआ। एक्टर ने पिछले नवंबर में ही अपनी मां को खो दिया था। दीपेश भान के अंतिम संस्कार में उनकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था। सालभार के बेटे को छोड़ हमेशा हमेशा के लिए दीपेश पंचतत्व में विलीन हो गए। किसी ने मायूस आंखों से 'मलखान सिंह' को विदाई थी तो कोई खुद को संभाले नहीं पा रहे थे।

निधन 

22 जुलाई 2022 को, जब वह मुंबई में अपने इलाके में क्रिकेट खेल रहे थे, वह गिर गए। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। बाद में, उनकी एक सह-कलाकार शुभांगी अत्रे ने पुष्टि की कि दीपेश की मृत्यु ब्रेन हेमरेज से हुई थी।

उनके मित्र क्या कहते हैं दीपेश भान उर्फ मलखान के बारे में?

 

अभिनेता दीपेश भान के बेहद करीबी मित्र और सह कलाकार सलीम ज़ैदी 'भाभी जी घर पर हैं' में टिल्लू का किरदार निभा रहे हैं।

दीपेश भान के इस लोफर टाइप युवक के किरदार को दर्शकों ने खूब पसंद किया। उनकी एक्टिंग दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कामयाब रही। दीपेश पिछले सात सालों से मलखान का किरदार निभा रहे थे।

उन्होंने कहा, "मुझे यकीन ही नहीं हो रहा कि दीपेश अब हमारे बीच नहीं है। सेट पर काम के साथ-साथ बहुत मस्ती किया करते थे। जब भी सेट पर खाली समय मिलता था तो हम खूब सारे गाने गाते थे, इंस्टाग्राम के लिए रील बनाया करते थे, एक दूसरे की टांग खींचना, मिमिक्री करना, ये सब करते थे। दीपेश बहुत अच्छा एक्टर होने के साथ ही बहुत अच्छे इंसान भी थे।"

"जब भी में उनसे सलाह मांगता था, वो मुझे बहुत नसीहतें भी देते थे क्योंकि वो मुझसे उम्र में बड़े थे। लेकिन हम बहुत पक्के दोस्त थे और ज़िंदगी भर रहेंगे। वो बहुत क्रिएटिव भी थे। वो सभी से बहुत प्यार करते थे। ये सब कैसे हो गया, अभी तक समझ नहीं पा रहा हूँ। ये एक ऐसा दुख है जो ज़िंदगी भर मेरे साथ रहेगा।"

               

"दीपेश के माता-पिता का निधन हो गया था। उनके परिवार में भाई और बहन हैं जो दिल्ली में रहते हैं और यहां मुंबई में उनकी पत्नी नेहा और उनका 18 महीने का बेटा जो अब अकेले हो गए हैं. उन्हें परिवार से बेहद प्यार था। अक्सर सेट पर वो अपने बच्चे का ज़िक्र करते थे।"


भारतीय टीवी अभिनेत्री, कविता कौशिक ने दीपेश के निधन पर अपना दुख साझा करने के लिए इंस्टाग्राम का पर लिखा

कल 41 साल की उम्र में दीपेश भान के निधन की खबर से सदमे में आहत, दुखी, एफ.आई.आर में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कलाकार, एक फिट आदमी था जिसने कभी भी शराब नहीं पी / धूम्रपान नहीं किया या अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ भी नहीं किया, एक पत्नी को छोड़ दिया एक साल का बच्चा और माता-पिता और हम सब। मुझे वह प्यार और सम्मान याद है जो उन्होंने हर किसी पर बरसाया था, मुझे अब विश्वास है कि यह अच्छे लोग हैं जिन्हें भगवान जल्द ही बुलाते हैं … इसे संसाधित करने के लिए बहुत दिल टूट गया .. यह एक काला दिन है .. आरआईपी दीपू ” image credit -instagram 

         देश और दुनिया की हर खबर Bharatprime.com ( भारतप्राइम. कॉम ) पर राजनीती , राज्य, देश, विश्व, खेल , मनोरंजन , बिज़नेस , हेल्थ , टेक्नोलॉजी , विज्ञान ,अधात्यम , ट्रेवल और दुनियां जहां की हर ख़बर भरोसे के साथ सीधे आपके पास।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...