Vivo Raid News: प्रवर्तन निदेशलय (ED) की जांच में जानकारी सामने आई है कि चीनी मोबाइल निर्माता वीवो इंडिया ने टर्नओवर का आधा हिस्सा 8 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 62,476 करोड़ रुपए चीन के मूल वीवो कंपनी को भेजा है।
Vivo पर लगा गंभीर आरोप
ईडी ने कहा कि चीनी स्मार्टफोन विनिर्माता वीवो की भारतीय इकाई ने कर देनदारी से बचने के लिए 62,476 करोड़ रुपये गैरकानूनी ढंग से चीन व अन्य देशों में भेजे थे। एजेंसी ने कई भारतीय कंपनियों व कुछ चीनी नागरिकों की संलिप्तता वाले धनशोधन गिरोह का खुलासा करने का दावा किया है।
119 अकाउंट से 465 करोड़ रुपये ED ने किए जब्त
ईडी (ED) ने कहा कि वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ( Vivo Mobile India Private Limited) की चोरी पकड़ने के लिए ED ने 5 जुलाई को Vivo और इसकी 23 एसोसिएटेड कंपनियों के खिलाफ 48 लोकेशन पर छापेमारी की थी। चलाए गए सघन तलाशी अभियान के बाद 119 बैंक अकाउंट्स में जमा 465 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई है। इसके अलावा 73 लाख रुपये की नकदी और दो किलोग्राम सोने की छड़ें भी जब्त की गई है।
ये मामला कब से कब तक का है?
2017-2021 के बीच VIVO मोबाइल फ़ोन कंपनी 62,476 करोड़ रुपया चीन भेज देती है। अपने टर्नओवर का पचास प्रतिशत।
अब सावल उठता है कि इतने सालों तक पता क्यों नहीं चल पाई? ED का कहना है कि Vivo India के पूर्व डायरेक्टर बिन लोउ ने साल 2018 में ही भारत छोड़ दिया था।
ओपिनियन (opinion)
इतने लंबे अर्से लगभग 5 साल तक कंपनी ने ये काम किया है। क्या कभी पता नहीं चला कि भारत का पैसा बाहर जा रहा है? घाटा दिखाकर कंपनी सारा पैसा चीन भेजती रही।
पैसा बाहर भेजने का तरीक़ा तो एक ही है। सब जाना हुआ है तब फिर नज़र क्यों नहीं रखी गई कि एक कंपनी इतना सारा पैसा चीन भेज रही है।सामरिक और सीमा पर चीन के साथ हमारे संबंध कितने नाज़ुक हैं। इसकी हरकत से भरोसा करना मुश्किल है लेकिन इसके बाद भी भारत ने चीन से आयात काफ़ी बढ़ा लिया है। चीन अपना माल भारत को बेच रहा है। अब ये भारत के टैक्स का हिस्सा भी इन कंपनियों के ज़रिए हड़प रहा है।
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