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Bihar के 28 जिलों में 828 करोड़ रुपये से बनेंगी 981 किमी सड़कें, देखें सभी District की सूची…

Bihar के 28 जिलों में 828 करोड़ रुपये से बनेंगी 981 किमी सड़कें, देखें सभी District की सूची…

बिहार राज्य के 28 जिलों में करीब 981 किलोमीटर लम्बी ग्रामीण सड़कों का निर्माण होना है, जिसकी प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है। बरसात के तुरंत बाद सड़क निर्माण कार्य शुरू होगा। करीब ₹828 करोड़ रुपये लागत से इनका निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रामीण कार्य विभाग ने अभी से इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

40 प्रतिशत राज्य सरकार खर्च जबकि केन्द्र 60 प्रतिशत करेगी खर्च 
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना ( PMGSY ) फेज-3 में 161 सड़कों का निर्माण होना है। साथ ही करीब 78 छोटे-छोटे पुलों का निर्माण जिसकी लम्बाई लगभग तीन किमी होगी। हर परियोजना की अधिकतम लागत करीब पांच करोड़ रुपये होगी। इनके निर्माण में 60 फीसदी हिस्सा केंद्र और 40 फीसदी राज्य सरकार की होगी।
इन जिलों में बनेंगी सड़कें ( Roads will be built in these districts )
अरवल, गोपालगंज, जहानाबाद, जमुई, कैमूूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया , रोहतास , समस्तीपुर, शेखपुरा, सिवान, सुपौल और वैशाली
 अररिया, औरंगाबाद, बांका, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, गया।

पांच साल तक करना होगा मेंटेनेंस ( Maintenance will have to be done for five years ) 
सड़क बनने के बाद पांच साल तक इन सड़कों का मेंटेनेंस भी किया जाना इसमें शामिल किया गया है। इसलिए कोई भी सड़क निर्माण इस योजना से गांवों में होती है अगर वो पांच साल नहीं चलती है तो शिकायत दर्ज करा इस सड़क को मेंटेनेंस करा सकते हैं। मेंटेनेंस की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी को दी जायेगी। फिलहाल निर्माण एजेंसी का चयन ई-टेंडर के माध्यम से किया जायेगा। इसकी प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होगी।

कार्यपालक इंजीनियर को भी निर्देश ( Instructions to the Executive Engineer ) 
ग्रामीण कार्य विभाग ( Rural Affairs Department ) ने बारिश में खराब होने वाली ग्रामीण सड़कों को जल्द आवागमन लायक बनाने का निर्देश अपने इंजीनियरों को दिया है साथ ही कटाव वाले स्थलों को चिह्नित कर वहां पूरी तैयारी रखने के लिए कहा गया है, जिससे कि सड़कों के क्षतिग्रस्त होने पर उन्हें आवागमन लायक बनाया जा सके। साथ ही सड़कों की बेहतर गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए कार्यपालक अभियंताओं को भी निर्देश दिया जा चुका है।

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