रवीश कुमार आए दिन अपने आस पास हो रहे घटनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण राय सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त करते रहते हैं। लेकिन इस बार उन्हें एक बात ने ऐसा विचलित कर दिया कि उन्होंने गुस्से में कहा इस समाज में क्या चोर- दलाल ही प्रतिष्ठित होते रहेंगे? आइए जानते हैं कि आखिर पूरा वाक्या है क्या?
17 जुलाई को मेडिकल की NEET प्रवेश परीक्षा हुई थी। CBI ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग कथित रुप से उम्मीदवारों को पास कराने में मदद कर रहे थे।
समाज की नैतिकता कहां पहुंच गई है। चोरी से लोग डॉक्टर बनना चाहते हैं और पैसे लेकर लोग चोरी कराने के लिए तैयार हैं। हर परीक्षा में चोरी वाला नेटवर्क सक्रिय हो जाता है। इसे किसी चीज़ का डर भय नहीं है। किसी छात्र के हक की हत्या कर चोरी और पैसे से उसकी सीट हड़प लेना चाहते हैं। क्या इनका ईमान नहीं डोलता होगा? न जाने कितने ही उम्मीदवार चोरी से डाक्टर बन भी गए होंगे। इस समाज में क्या चोर- दलाल ही प्रतिष्ठित होते रहेंगे? तभी यह समाज झूठ का विरोध नहीं करता। उसे लगता है कि सामने वाले की पोल खोलेगा तो उसकी भी पोल खुल जाएगी। हमारे समाज का सोशल कांट्रेक्ट झूठ को बचाए रखने की शर्तों पर टिका हुआ है। अफ़सोस।
ये ब्लॉग रैमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित पत्रकार और एनडीटीवी के प्रबंध संपादक रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है। रवीश कुमार द्वारा व्यक्त विचार पर आप क्या सोचते हैं कॉमेंट करके बताएं।
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