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उदयपुर के कन्हैयालाल की तरह महाराष्ट्र के अमरावती में भी हत्या, नूपुर का समर्थन करने पर उमेश कोल्हे की ली जान

उदयपुर के कन्हैयालाल की तरह महाराष्ट्र के अमरावती में भी हत्या, नूपुर का समर्थन करने पर उमेश कोल्हे की ली जान

Amravati
: महाराष्ट्र के अमरावती में उदयपुर जैसी घटना दोहराई गयी है । 21 जून को यहां के एक मेडिकल स्टोर चलाने वाले व्यवसायी की कुछ लोगों ने गला काटकर हत्या कर दी थी । बताया जा रहा है कि मेडिकल स्टोर संचालक ने नूपुर शर्मा के समर्थन में फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर की थी । 
महाराष्ट्र के अमरावती शहर में रहने वाले दवाई दुकान चलाने वाले उमेश कोल्हे (murder of Umesh Kolhe) की बीती 21 जून को गला रेतकर हत्या करने का मामला सामने आया है। यानी की ये हत्याकांड कन्हैयालाल की हत्या से एक सप्ताह पहले का है। हालांकि, मामले की छानबीन में अमरावती पुलिस जुटी हुई है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शक्स ने नुपूर शर्मा (Nupur Sharma) का समर्थन किया था। 
अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एन आई ए ( NIA) अमरावती पहुंचकर इस मामले को अपने हाथ में लेकर जांच में जुट गई है।

अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पुलिस की जांच में पता चला कि उमेश कोल्ह ने वाट्सएप ग्रुप पर नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट फॉरवर्ड की थी। उस पोस्ट को उन्होंने गलती से मुस्लिमों के एक ग्रुप में शेयर कर दिया। उस ग्रुप से उमेश अपने कस्टमर्स की वजह से जुड़े थे। अखबार के मुताबिक गिरफ्तार आरोपियों में से एक ने पुलिस को बताया है कि पैगंबर के अपमान की वजह से उमेश को मरना ही चाहिए था। पुलिस को उमेश के बेटे संकेत ने बताया है कि 21 जून की रात उमेश अपना मेडिकल स्टोर बंद करके जा रहे थे। संकेत और उनकी पत्नी वैष्णवी दूसरे स्कूटर पर थे। संकेत के मुताबिक प्रभात चौक से होकर जब वे महिला कॉलेज न्यू हाईस्कूल के गेट पर पहुंचे कि बाइक पर सवार दो लोगों ने सामने से उनके पिता को घेर लिया।

क्या है पूरा मामला ( what is the whole matter): मीडिया रिपोट्स के अनुसार 54 वर्षीय कोल्हे 21 जून की रात को जब बेटे संकेत और बहू वैष्णवी के साथ अलग-अलग बाइक पर अपने घर जा रहे थे। तभी घात लगाकर बैठे हमलावरों ने उनकी गर्दन पर पीछे से चाकू से हमला (attacked his neck) कर दिया। अचानक हुए इस हमले में वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। घटना के बाद उनके बेटे और बहू ने उन्हें लहूलुहान हालत में अस्पताल पहुंचाया। हालांकि उनकी जान नहीं बचाई जा सकी, डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 
सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश: 
सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चहिए। ऐसा कहने वाले जजों की बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला शामिल थे।

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