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महिलाओं और पुरुषों के फैशन में जमीन आसमान का अंतर होता है और ये हमारे पहनावे पर निर्भर करता है। महिलाओं के पहनावे में कई लड़कियों की एक बड़ी समस्या होती है और वो ये कि इनमें जेब नहीं होती। हां, महिलाओं जीन्स आदि में जेब दिखती तो है, लेकिन वो कितनी छोटी और बिना काम की होती है ये तो हम सभी जानते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये अंतर आखिर क्यों है?
अपने सामान को इकट्ठा करने की तुलना में कुछ चीजें अधिक निराशाजनक होती हैं, केवल यह महसूस करने के लिए कि आपकी पैंट की जेब उन्हें रखने के लिए बहुत छोटी है। या इससे भी बदतर, जेब की तरह दिखने के लिए डिज़ाइन किया गया कपड़ा केवल सजावट के लिए है और बिल्कुल नहीं खुलता है।
महिलाओं के कपड़े पहनने वालों के लिए, यह संघर्ष कितना वास्तविक है। आपको ट्विटर-रंट, लेख और वीडियो खोजने के लिए दूर तक देखने की ज़रूरत नहीं है जिसमें लोग या तो जेब न होने की शिकायत कर रहे हैं या उस दुर्लभ रत्न पर खुशी मना रहे हैं जो कि "जेब वाली पोशाक" है। और निश्चित रूप से, हम सभी हैंडबैग ले जा सकते हैं, जो संभवत: 8 बिलियन डॉलर के पर्स उद्योग को उम्मीद है कि हम ऐसा करेंगे, लेकिन हर कोई बैग नहीं रखना चाहता। आखिरकार, पुरुषों की पैंट की जेबें मूल रूप से हमारे सपनों की जेब होती हैं।
लेकिन, इंटरनेट पर बहुत सी चीजों की तरह, हमें शिकायतें और उपाख्यान प्रचुर मात्रा में मिल सकते हैं, लेकिन बहुत कम डेटा यह दर्शाता है कि महिलाओं की जेब वास्तव में पुरुषों की तुलना में कितनी कम है। तो, हम वहाँ गए।
पुडिंग के अनुसार,अमेरिका के सबसे लोकप्रिय ब्लू जींस ब्रांडों में से 20 में पुरुषों और महिलाओं दोनों की पैंट की जेबें मापीं। पुडिंग ने जो पाया उस पर एक नज़र डालें।
औसतन, महिलाओं की जींस में जेबें पुरुषों की जेब से 48% छोटी और 6.5% पतली होती हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा मसला ( issue raised internationally ) : मामला सिर्फ भारत का ही नहीं है बल्कि कई देशों में महिलाएं इस भेदभाव को महसूस कर रही हैं। महिलाओं की जींस के पॉकेट साइज को लेकर विदेशों में भी रिसर्च की गई है। पुडिंग डॉट कॉम वेबसाइट ने जींस के 20 अमरीकी ब्रांड्स पर शोध किया और उसने नतीजों में महिला और पुरुष की जींस की पॉकेट में अंतर पाया।
इस शोध के मुताबिक़, महिलाओं की जींस की सिर्फ 40 प्रतिशत पॉकेट में ही तीन बड़े ब्रांड के मोबाइल आ पाए। आधी से भी कम फ्रंट पॉकेट्स में वो वॉलेट आ पाए जो फ्रंट पॉकेट्स के लिए ही बनाए गए थे। स्किनी जींस में महिला और पुरुष दोनों के लिए छोटी पॉकेट होती हैं। लेकिन, उसमें भी महिलाओं की पॉकेट 3.5 इंच (48%) छोटी और 0.3 इंच (6%) पतली होती है। इसी तरह स्ट्रेट जींस की पॉकेट 3.4 इंच (46%) छोटी और 0.6 इंच (10%) पतली होती है।
पीछे की पॉकेट्स की बात करें तो वो भी छोटी होती हैं लेकिन उनमें अंतर कम होता है। महिलाओं की स्किनी जींस में पॉकेट 0.3 इंच (5%) छोटी और 0.1 इंच (2%) पतली होती है। स्ट्रेट जींस में 0.4 इंच (7%) छोटी और 0.1 इंच (2%) पतली होती है।इस रिपोर्ट के मुताबिक फैशन डिजाइनर क्रिश्चन डिऑर ने पॉकेट्स के पुरुषवाद पर 1954 में कहा था, "पुरुषों की जेबें सामान रखने के लिए होती हैं और महिलाओं की सजावट के लिए।"
आज के फैशन में इन पैंट्स में मिलते हैं पॉकेट्स ( Pockets are available in these pants in today's fashion ): आज के फैशन की बात करें तो सिर्फ कार्गो पैंट्स, ब्वॉयफ्रेंड जीन्स आदि में ही बड़े पॉकेट्स मिलते हैं। आज जब लेगिंग्स और जेगिंग्स आदि का जमाना है तो टाइट फिट वाले इन कपड़ों में आखिर कैसे पॉकेट्स लगाए जाएं।
हालांकि, अब कई ब्रांड्स कुर्तों, स्कर्ट्स और यहां तक की साड़ियों में भी पॉकेट्स की जरूरत को समझ रहे हैं और हम उम्मीद कर सकते हैं कि धीरे-धीरे ये पॉकेट्स का चलन वापस से जरूरत बन जाएगा।
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