जिस Social Media के कारण लड़की के साथ होने वाला था खेला, उसी सोशल मीडिया ने बचाई इस लड़की की जान | Girl | save | Life
Image credit - Facebook/ Wafah Faraaz
कहते हैं प्यार अंधा होता है और प्यार के लिए सात समंदर पार भी प्रेमी दौड़े चले आते है लेकिन सोशल मीडिया पर होने वाला प्यार अंधा होने के साथ-साथ धोखेबाज भी साबित हुआ।
राजस्थान के दौसा की बांदीकुई पुलिस ने एक 13 साल की नाबालिग लड़की को आरोपी के चंगुल से छुड़ा लिया। पीड़िता फ्री फायर गेम के दौरान उसके संपर्क में आई थी। आरोपी कतर से आकर उसे अगवा कर ले गया था।
सोशल मीडिया पर चल रही यह अपील 19 जून को ही मालाणी एक्सप्रेस में सवारी कर रहे हैं एक यात्री के पास पहुंची, तो उसने सामने नाबालिक लड़की को देखा तो तत्काल फोटो खींचकर पुलिस को भिजवा दिया।
कब की है घटना ? ( When is the incident? ):
दरअसल 19 जून के दिन दौसा के बांदीकुई की रहने वाली एक नाबालिग लड़की घर से कुरकुरे लेने के लिए निकली थी लेकिन वह वापस नहीं लौटी इसके बाद परिजनों ने बांदीकुई थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया।
घटना के बाद पूरे शहर में आक्रोश व्याप्त हो गया, लोग विरोध जताने लगे वही पुलिस भी तत्काल सक्रिय हुई। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सोशल मीडिया के माध्यम से नाबालिक लड़की दिखाई देने पर सूचना देने की अपील भी जारी की गई। दौसा एसपी राजकुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपी इजराइल नदाफ पुत्र दाऊ मदाफ (25) जिला धनुषा नेपाल का रहने वाला है। वह कतर की एक इलेक्ट्रिक कंपनी में मजदूरी करता है।
बांदीकुई,राजस्थान की रहनेवाली कृतिका जांगिड़ नाम की यह बच्ची मात्र 13 वर्ष की है व कक्षा आठवीं में पढ़ती है। इंस्टाग्राम पर फ्री फायर गेम खेलते हुए इसका परिचय नेपाल के रहनेवाले इजरायल नामक युवक से हुआ जो कतर में काम करता था। कतर में मजदूरी करनेवाले इजरायल ने अपनी डीपी पर अपना ही चित्र एक आकर्षक युवक की तरह तस्वीर वाला जिसमें वह एक मॉडल की तरह दिख रहा था,लगा रखा था (देखें अंतिम दो चित्र) इसलिए कृतिका वास्तविक इजरायल को वही युवक समझकर आकर्षित हो गई और दोनों के बीच की दोस्ती और प्रेम इस हद तक पहुंच गए कि 19 जून 2022 को घर के पास की दुकान से कुरकुरे खरीदने के बहाने कृतिका अपने प्रेमी इजरायल के साथ घर से भाग गई। कृतिक को अपने साथ ले जाने के लिए प्रेमी इजरायल फ्लाइट से कतर से बांदीकुई पहुंचा था। कृतिका के गायब होते ही घर में हड़कंप मच गया। सबने समझा कि बच्ची का अपहरण हो गया है। फोटो के साथ विस्तृत विवरण तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल किए गए।
सोशल मीडिया की मदद से दरभंगा में बरामद हुई लड़की ( Girl recovered in Darbhanga with the help of social media ):
सोशल मीडिया का सकारात्मक पक्ष देखिए कि दरभंगा,बिहार में जिस ट्रेन में यह दोनों चढ़े उसी ट्रेन में बैठे एक युवक के व्हाट्सएप पर किसी ग्रुप में कृतिका की फोटो के साथ संदेश भी आया हुआ था। उस युवक ने पुलिस को तत्काल सूचना दी और दोनों को ट्रेन से उतार लिया गया। बच्ची को परिवार को सौंप दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि कतर ले जाकर उसे बेचने का प्लान था।
कैसे बचाएं अपने बच्चों को सोशल मीडिया के इन शैतानों से ? ( How to protect your children from these evils of social media? ): अब सोचिए,19 जून को गायब हुई 13 साल की बच्ची 23 जून को मिली है,तब तक इसके माता-पिता, परिवार का क्या हाल हुआ होगा? चिंता के कारण कितना रोए,तड़पे होंगे?बच्चे को अच्छे कपड़े,मोबाइल, शिक्षा सब दी पर शायद क्या में कहीं कुछ कमी रह गई तभी एक अजनबी से इतनी दोस्ती बढ़ाते हुए उसने कभी अपनी माँ या परिवारीजनों को इस मित्रता की जानकारी तक नहीं दी। बच्ची का फोटो देखिए। 13 साल की मासूम आयु में इंस्टाग्राम पर स्वतंत्र अकाउंट बनाना और ऐसी फोटो डालना क्या खतरनाक नहीं है? क्या चाइल्ड ट्रैफिकिंग वाले इस चेहरे को देखकर भांप नहीं लेंगें कि यह बच्ची कितनी आसान शिकार है?
अपने घरों के बच्चे हम सभी को मासूम लगते हैं पर हमारे ऐसा सोचने से दुनिया भर में घूम रहे क्रूर राक्षस उनका शिकार करना नहीं छोड़ देंगे। अपने बच्चों के इंटरनेट व सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रखिए। वस्तुतः उनकी गलती नहीं है इसलिए डाँटिए फटकारिए नहीं, आराम से बात कीजिए और समाज में हो रहे इन घटनाक्रमों से सहजता से परिचित भी करवाइए। उन्हें विश्वास में लीजिए। कोई बात शेयर करने पर आपे से बाहर मत हो जाइए। जैसे आजकल छोटी छोटी आयु के बच्चे भी जाने अनजाने गलत करने लगते हैं और यह बात पता चलते ही माता -पिता का आत्महत्या करने को जी चाहता है पर इस तरह तिल का ताड़ बनाने की आवश्यकता नहीं है। बच्चे को उसकी रुचि की गतिविधियों में व्यस्त रखकर बहुत आराम से ये सब आदतें छुड़ाई जा सकती हैं।
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