अग्निपथ योजना का सच | अग्निपथ योजना कितना सही या कितना ग़लत?| Reality of Agneepath Scheme | Good or Bad?
अग्निपथ योजना क्या है ( What is Agnipath scheme?): अग्निपथ योजना' के अंतर्गत सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को 'अग्नीवीर' बोला जाएगा।जिसकी भी उम्र 17.5 से 21 साल के बीच में है और वो 10 वीं या 12 वीं पास है, वो अग्निपथ योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इस योजना में सभी भर्ती प्रक्रिया पहले से चली आ रही भर्ती प्रक्रिया जैसी ही होगी। सिर्फ इसमें अभी महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है जो कहा गया है कि आनेवाले समय उन्हें भी इस योजना के तहत मौका दिया जाएगा। आज से तीन महीने बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसमें पहले साल के लिए 46,000 लोगों की भर्ती होनी है।
Image source-twitterअग्निवीरों को मिलने वाले वेतन और सुविधा ( Salary and facilities to Agniveers ): 'अग्निपथ योजना' के अंतर्गत सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को नियमित रूप से सेना में शामिल होने वाले सैनिकों से ज्यादा सैलरी मिलेगी। पहले जो सेना भर्ती होती थी, उसमें पहले चार साल तक समान वेतन मिलता था, जोकि ₹21,700 प्रतिमाह होती थी; लेकिन इस योजना के अन्तर्गत आनेवाले को ₹30,000 प्रतिमाह वेतन होगी, जो हर साल बढ़ेगी और चौथे साल बढ़कर ₹ 40,000 प्रतिमाह वेतन होगी। ये जो सैलरी है वो 'अग्निवीर' को इन हैंड कम मिलेगी, कयोंकि इस सैलरी का 30 प्रतिषत अग्निवीर फंड में जाएगी और इतने ही इतने ही रुपए सरकार भी इस फंड में जमा करेगी। इसके बाद 4 साल बाद जो भी अग्निवीर वापस आएंगे उन्हें मिलेंगे ₹11.71 लाख रुपए। इस रुपए के से उन अग्निवीरों को ₹18 लाख रुपए तक का लोन भी मिल सकता है। अग्निवीर को अपने कार्यकाल के दौरान ₹48 लाख का इंश्योरेंस भी दिया जा रहा है। इस पूरे 4 साल में 3 साल स्किल्ड आधरित बैचलर डिग्री का भी प्रवधान किया जाएगा, जिसके लिए इग्नू से एक एमओयू ( MoU ) साइन किया जाएगा। जिसमें अग्निवीर बैचलर डिग्री के लिए एनरोल कर सकते हैं। इसमें 50 प्रतिषत अंक वो होंगे जो अग्निवीर स्किल सीखेंगे और बाकी 50 प्रतिषत सब्जेक्ट के होंगे जैसे - इतिहास, पॉलिटिकल साइंस अर्थशास्त्र जैसे विषय होंगे उसके होंगे। यानी जो पढ़ाई के जो दिक्कत हैं वो भी नहीं रहेंगे।
अग्निवीर बनकर लौटेंगे तो कहां और कैसे मिलेगी जॉब ? ( If you return as Agniveer, where and how will you get a job?): 'अग्निपथ योजना' से जब अग्निवीर बनकर लौटेंगे तो उन्हें अलग अलग राज्यों के पुलीस, असम राइफल्स, CAPF में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ प्राथमिकता देते हुए नौकरी दी जाएगी।
'अग्निपथ योजना' का लोग विरोध क्यों कर रहे हैं?
( Why are people opposing the 'Agneepath scheme'?):
पहली चीज मेडिकल लाभ, जो पहले जवान और उनके फैमिली को मिलते थे अब वो नहीं मिलेंगे। इसके अलावा पेंशन और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेंगे।
अगर किसी वजह से अग्निवीर की जान चली जाती है तो जो बेनिफिट्स मिलेंगे वो एक रेगुलर आर्मी को मिलने वाले बेनिफिट्स जैसे नहीं है। जब एक आर्मी शहीद होते हैं तो उनके फैमिली को भी पुरे जीवन बेनिफिट्स मिलते हैं।
अगर 'अग्निपथ योजना' एक विकल्प के रुप में आती तब तो ये एक मास्टरस्ट्रोक होती लेकिन अब जो तीनों सेना की भर्ती होगी वो इसी चार साल वाले योजना के अन्तर्गत होगी, यही विरोध का एक बड़ा कारण है।
सेना में भर्ती होने के लिए लोग 3 से चार साल मेहनत करते हैं और वो सिर्फ़ चार साल भर्ती होने के लिए इतनी ज्यादा मेहनत नहीं करते।
सेना में 'अग्निपथ योजना' की जरूरत क्यों पड़ी? ( Why was the 'Agneepath scheme' needed in the army?): सेना में 'अग्निपथ योजना' की जरूरत दो वजहों से पड़ी पहली सेना की संख्या और दूसरी सेना की औसत उम्र।
भारत के टोटल डिफेंस के जो बजट हैं वो है 5 लाख 25 हज़ार करोड़ रुपए। जिसमें से 1 लाख 19 हज़ार रुपए पेंशन में जाता है और इतना ही सैलरी देने में खर्च होता है। इसके बाद खाने पीने और अन्य चीजों में चला जाता है। जिससे कि नए टेक्नोलॉजी और हथियार खरीदने के लिए काफी कम रुपए बच जाते हैं, इसी को कम करने के लिए अग्निपथ योजना को लागू किया गया है। अभी भारतीय सेना में 1.65 लाख सेना की कमी है। अगर आप 2017-19 तीन साल के भर्ती को देखेंगे तो इन तीन सालों में 1.65 लाख युवाओं की भर्ती की गई थी। जो पिछ्ले तीन सालों से बंद है। यानी हर साल 55 लाख लोगों का सेना में भर्ती होना चाहिए था लेकिन 46 हज़ार लोगों की ही भर्ती होगी और उसमें से भी 25 प्रतिशत को ही परमानेंट करना है यानी मात्र 11,500 लोगों की भर्ती हर साल अब सेना में होगी। इससे बिल्कुल साफ़ साफ़ पता चलता है सैनिकों की इतनी कम करना सरकार की मनशा है।
दूसरा कारण है कि अभी भारतीय सेना की औसत आयु 32 साल है। जिसे बहुत सारे कमेटी ने कम करने की सलाह देते आए हैं। जिसका कारण बताते हुए कमिटी कहती है कि एक 22 से 23 साल का युवा जितनी तेजी से पहाड़ पर चढ़ पाएगा उतनी तेजी से एक 32 साल का युवा नहीं चढ़ पाएगा, तो जो अनुपात है वो 1/1 का होना चाहिए। इसलिए इस 'अग्निपथ योजना' को लाई गई है।
'अग्निपथ योजना' में कमी क्या है? ( What is the drawback of 'Agneepath Scheme'? ): एक जवान को ट्रेन करने में 80 से 90 लाख रुपए लगते हैं, लेकिन इतने रुपए लगाने के बाद सिर्फ 4 साल बाद अग्निपथ योजना के तहत ज्वाइन करने वाले अग्निवीर घर वापस चले जाएंगे। ये इस योजना का एक बड़ा नुकसान है और जो इस योजना की सबसे बड़ी कमी भी है।
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