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Ravish Kumar ने क्यों कहा, Modi जी जनता की बचत का राष्ट्रीयकरण कर दें ताकि जनता...'

               Image source-twitter 
रवीश कुमार एक ऐसे पत्रकार के रूप में जाने जाते हैं जो सरकार से सख्त सवाल पूछते हैं। उनका मानना है कि सवाल सरकार से होती है, विपक्ष से नहीं। इस बार उन्होंने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी से एक अपील की है ताकि जनता को राहत मिल सके। आईए जानते हैं  रवीश कुमार ने क्या कहा है।
अब आपकी बचत का राष्ट्रीयकरण ही बचा है, थाली निकालिए और माँग कीजिए
बीमा का प्रीमियम ऐसे बढ़ने लगा है, जैसे सारा ग्रोथ रेट बीमा के भरोसे बैठा हो। कई कई हज़ार प्रीमियम बढ़े हैं। सरकार चाहे तो प्रीमियम पर जीएसटी डबल कर 36 प्रतिशत कर सकती है।
 
 कंपनियाँ भी प्रीमियम बढ़ा सकती हैं। लोग मारे ख़ुशी के बरसात में दौड़ पड़ेंगे। व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी ने इतना तो कर ही दिया है कि सुई की तरह चुभने वाली महंगाई को लोग दवाई समझने लगे हैं। अब सुई की जगह छुरा भोंका जा रहा है। उफ़्फ़ करने तक की आदत चली गई है। फ़र्ज़ी डेटा पर इतना भरोसा करने वाला समाज शायद ही कहीं और है। सरकार कहती है कि महंगाई केवल पेट्रोल और खाद्य तेलों के कारण बढ़ी है, जनता मान लेती है। हर चीज़ पर महंगाई कुंडली मार कर बैठी है। मेडिकल टेस्ट करा लें या कोई दवा ख़रीद लें। लिस्ट लंबी हो जाएगी। लोगों ने अभूतपूर्व सहनशीलता का प्रदर्शन किया है। उनकी परीक्षा का अब एक ही पैमाना बचा रह गया है। 
 
मोदी जी जनता की बचत का राष्ट्रीयकरण कर दें ताकि जनता को ख़ुशी से झूमने का विशाल अवसर मिले और महंगाई और ख़र्चे के झंझट से आज़ादी का अमृत काल मना सके। लोगों को उनके बौद्धिक स्तर को दिखाने का मौक़ा दिया जाना चाहिए। वे थाली बजाते घूमेंगे कि सरकार ने उनके जीवन भर की कमाई ज़ब्त कर कृपा बरसा दी है। बाक़ी जनता मन की बात सुनकर मुग्ध हो ही जाएगी।

ये लेख रैमन मैग्सेसे अवार्ड से सम्मानित पत्रकार और एनडीटीवी के प्रबंध संपादक रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है।

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