Mukesh Ambani vs Jeff Bezos: कुछ दिन पहले जब ये खबर आई कि जियो और एयरटेल अपने प्लान्स के प्राइस हाईक करने वाले हैं, तो बहुत से लोग ये मानने लगे हैं कि जियो के आने के बाद भारत में मुकेश अंबानी कंपनी का एक तरह का मोनोपॉली बन गया है। Image courtesy -google
जिस देश में आज से 10 साल पहले अंगीनत टेलीकॉम प्रोवाइडर थे अब बस जियो और ऐयरटेल ही रह गए। हालांकि बात ये भी सही है कि जियो के आने के बाद ही भारतीय टेलीकॉम मार्केट में डाटा इतना सस्ता हुआ जितना पहले कभी नहीं था। खैर अब देश के टेलीकॉम मार्केट में एक और क्रांति आ सकती है।
दुनिया के सबसे रईस बिजनेसमैन में से एक और अमेजन के मलिक जेफ बेजॉस बहुत जल्द भारत के टेलीकॉम सेक्टर में प्रवेश करने के संकेत दे रहें हैं।
अगस्त 2021 में भारत की तीसरी बड़ी कम्पनी थी वोडाफोन-आईडिया जो बन्द होने के हालत में आ गई थी; और इस मजबूरी में दोनों ही कम्पनी को एक साथ होना पड़ा, लेकिन अब खबर आ रही है कि कम्पनी में नई भर्ती शुरु हो गई है। ऐसा कहा जा रहा है अमेजन की वोडाफोन-आइडिया के साथ जल्द ही ₹20 हज़ार करोड़ रुपए की इन्वेस्टमेंट डील हो सकती है।
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार वोडाफोन-आइडिया को ₹10 हज़ार करोड़ रुपए की हिस्सेदारी कंपनी को बेचकर ₹10 हजार करोड़ रुपए कर्ज़ के रुप में मिलेंगे। आपको बता दें कि अमेजन पिछले 3 साल से भारत की टेलीकॉम सेक्टर प्रेवश करने को बेताब है। 2020 में तो इस बात को लेकर खबर पुख्ता हो गई थी कि अमेजन और ऐयरटेल $2 अरब डॉलर की डील कर सकते हैं, लेकिन तब ये डील बनी नहीं किसी कारणवश रद्द हो गई; लेकिन अब अगर ये डील हो जाती है तो वोडाफोन आइडिया के पास एक पावर आ जाएगी जिससे वो जियो और ऐयरटेल टक्कर दे सके।
अभी वर्तमान में अकेले इंडियन मार्केट जियो की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत है।
अगर यह डील तय हो जाती है तो आपको आनेवाले समय और सस्ता डाटा मिल सकता है। बिजनेस का एक रूल है कि मार्केट जितना ज्यादा कंपटीशन होगी ग्राहकों को उतना ज्यादा फ़ायदा होगी। इसी बात को कुछ महीने पहले ऐयरटेल के सीईओ ने भी कही थी मार्केट टू प्लेयर्स का होना सही नहीं है।
क्या कहा था ऐयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल:
भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल विट्टल ने कहा कि था कि भारत जैसे बड़े देश को टेलिकॉम सेक्टर में तीन निजी कंपनियों की जरूरत है।
मुझे लगता है कि सिर्फ राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, एक ऐसी उद्योग संरचना सही होगी जहां तीन कंपनियां न केवल बनी रहें, बल्कि प्रगति करें और निश्चित रूप से सरकारी कंपनी हमेशा मौजूद रहे। विट्टल ने कहा, मुझे लगता है कि एक देश के रूप में हमें तीन कंपनियों की जरूरत है। यह 1.3 अरब लोगों के साथ काफी बड़ा देश है, जो इस बाजार में तीन (निजी) कंपनियों को आसानी से समायोजित कर सकता है।
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