Maruti बंद कर सकती है Alto, S-Presso, Swift; जैसी छोटी कारें; फैसले से नाराज हुआ भारत सरकार का यह बड़ा मंत्री
मारुति ने अपनी छोटी हैचबैक को लेकर बड़ा बयान दिया है। Maruti के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा है कि सरकार की पॉलिसी का असर उसकी छोटी कारों पर पड़ रहा है। ऐसे में कंपनी उन्हें बंद करने में जड़ा भी संकोच नहीं करेगी; दरअसल हर कार में 6 एयरबैग के नियम के चलते मारुति की सस्ती हैचबैक आम लोगों के बजट के बाहर चली जाएगी। ऐसे में कंपनी इन्हें बंद करने पर भी विचार कर सकती है।
मारुति कम्पनी का पक्ष क्या है ? (What is the side of maruti company?):
आर सी भार्गव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि परिवहन मंत्री नितिन गडगरी द्वारा 6 एयरबैग्स के नियम को लागू करने के फैसले से छोटी हैचबैक कारों की कीमतें तो बढ़ जाएंगे, लेकिन इससे रोड एक्सीडेंट के मुद्दे से निपटने में मदद नहीं मिलेगी। रोड एक्सीडेंट में मरने वाले लोगों को लेकर कुछ और सोचना होगा।
सरकार का पक्ष क्या है ?( What is the side of the government?):
उन्होंने कहा कि कंपनी कॉम्पैक्ट कार सेलिंग से कोई लाभ नहीं कमाती हैं।केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सभी कारों में छह एयरबैग अनिवार्य करने का कदम भारतीय सड़कों को सुरक्षित बनाने के प्रयास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गडकरी ने दिल्ली में एक मेजर आई कंपनी द्वारा आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब भारत सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं और मौतों की रिपोर्ट करता है, तो वे (व्हीकल मैन्युफैक्चर्स) इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे हैं? हमें ऐसे फैसलों के महत्व को समझने की जरूरत है।
क्यों नाराज़ हैं मारुति के सीईओ? (Why is Maruti CEO angry?) :
देश में सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनियों में मारुति पहले नंबर पर है। देखा जाए तो हर महीने उसमें और दूसरी टॉप कंपनी के बीच 50% से ज्यादा का अंतर होता है। इस अंदर के पीछे मारुति की छोटी हैचबैक कारों का डिमांड का होना है।
इन दिनों मारुति वैगनआर, स्विफ्ट, सेलेरियो, ऑल्टो, एस-प्रेसो की हाई डिमांड है। कंपनी की कुल बिक्री में ये 5 मॉडल 60 से 70% तक रेवेन्यू देते हैं। हालांकि, इन सभी मॉडल के बेस वैरिएंट में सिर्फ 2 एयरबैग ही मिल रहे हैं। ऐसे में यदि इनके बेस वैरिएंट में 6 एयरबैग लगाए गए तो 60 हजार रुपए तक कीमत बढ़ जाएगी।
2020 में 13,000 लोगों की जान बच जाती
गडकरी ने ये भी कहा कि कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में 6 एयरबैग अनिवार्य करने के नियम का लगातार विरोध कर रही हैं, जिसे सिर्फ लोगों की जान बचाने के लिए प्रस्तावित किया गया है। गडकरी ने मार्च में संसद को 6 एयरबैग के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए बताया था कि 6 एयरबैग लगाने से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने ये भी कहा कि जब देश में लगातार व्हीकल तेजी से बिकते हैं तब ये और भी जरूरी हो जाता है कि सड़कें ज्यादा सुरक्षित हों। अभी भारत के पास दुनियाभर की तुलना में बमुश्किल 1% व्हीकल हैं, लेकिन देश में सड़क एक्सीडेंट से होने वाली मौतों में दुनिया की तुलना % ज्यादा है।
5 लाख की कार में 6 एयरबैग महंगा सौदा ( 6 airbags expensive deal in a car of 5 lakhs ): भार्गव ने कहा था कि 6 एयरबैग्स लगाने से एंट्री-लेवल कार में 60 हजार रुपए तक की बढ़ोतरी हो जाएगी, जो किसी भी एंट्री लेवल कार के लिए बड़ा मार्जिन है। इस वजह से कंपनी कुछ मॉडल के कुछ वैरिएंट को बंद कर सकती है। जिन मॉडल में चार एयरबैग दिए जाएंगे उनके कई स्ट्रक्चरल चेंजेस करने होंगे। साइड एयरबैग फ्रंट सीट के पीछे की तरफ बी-पिलर के ऊपर कर्टेन एयरबैग होंगे। जिन कारों में अभी सिर्फ 2 एयरबैग आते हैं उन्हें इस तरह के स्ट्रक्चरल चेंजेस से गुजरने होंगे। इसके लिए एक्स्ट्रा निवेश भी करना होगा। जबकि 6 एयरबैग प्रीमियम कारों में समझ आते हैं। जिन कारों की कीमत 5 लाख से कम है उनकी कॉस्ट बढ़ जाएगी। अभी एंट्री लेवल कार में सिर्फ 2 एयरबैग जोड़ने पर ही 30 हजार रुपए का खर्च आ रहा है।
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