हो जाएं अलर्ट; अगर आप भी इस्तेमाल करते हैं Google Chrome ,Mozilla Firefox और UNISOC चिपसेट सरकार ने जारी की High-level चेतावनी! | Be alert; If you also use Google Chrome, Mozilla Firefox and UNISOC chipset, the government has issued a high-level warning!
Google Chrome, Mozilla Firefox & UNISOC चिपसेट High-Level Alert: इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए ज्यादातर लोग गूगल क्रोम, फायरफॉक्स, और दूसरे ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी अपने रोजाना के वर्क के लिए इन ब्राउजर पर निर्भर हैं तो इन्हें तुरंत अपडेट कर लें, नहीं तो आपका पर्सनल डेटा हैक हो सकता है।
भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने हाल ही में गूगल क्रोम ओएस, कई मोज़िला फायरफॉक्स प्रोडक्ट और यूनिसोक चिपसेट संचालित एंड्रॉइड स्मार्टफोन के लिए कई खतरे वाले अलर्ट जारी किए हैं।
सरकार की तरफ से गगूल क्रोम (Google Chrome) ब्राउजर और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स (Mozilla Firefox) इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की गई है जो खासतौर पर उन यूजर्स के लिए है जो गूगल क्रोम और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स इस्तेमाल कर रहे हैं।
सरकार ने जारी किया हाई-लेवल सिक्योरिटी अलर्ट: CERT-In ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि गूगल क्रोम (Google Chrome) और मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स (Mozila Firefox) में कई तरह की bugs को पाया गया है, जिसका फायदा हैकर्स उठा कर कई सारे निजी जानकारी हासिल कर सकते हैं। जिसका बड़ा नुकसान इनके यूजर्स को उठाना पड़ सकता है। इसलिए
भारत सरकार ने 'उच्चस्तर' की चेतावनी जारी कर इनके यूजर्स को अगाह कर दिया है।
सिक्योरिटी एंजसी CERT in ने गूगल क्रोम में आई इस खामी को हाई रिस्क पर मार्क किया है| सीईआरटी-इन ने गूगल क्रोम के 96.0.4664.209 से पहले वाले क्रोम OS वर्जन को हाई रिस्क पर रेट किया है| इसमें Google की ओर से CVE-2021-43527, CVE-2022-1489, CVE-2022-1633, CVE-202-1636, CVE-2022-1859, CVE-2022-1867 और CVE-2022-23308 में आई को मार्क किया गया है।
Mozilla Firefox के किस वर्जन में आई खामी?
इसी के साथ, अगर मोजिला फायरफॉक्स (Mozilla Firefox) की बात करें तो CERT-In ने Mozilla Firefox iOS version के 101 तक वाले अपडेट्स में खामियों की पुष्टि की है| मोजिला में आई सभी खामियों को हाई रिस्क माना है।
टेक दिग्गज ने बग्स को स्वीकार किया है और कहा कि इसने बताया है की कंपनी के एंड से सभी बग्स को ठीक कर दिया है। कंपनी ने यूजर्स को इन बग्स से सिक्योर रहने के लिए क्रोम ओएस तथा मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स यूजर्स खुद को सिक्योर रखने के लिए मोजिला फायरफॉक्स आईओएस 101, मोजिला फायरफॉक्स थंडरबर्ड वर्जन 91.10, मोजिला फायरफॉक्स ईएसआर वर्जन 91.10 और मोजिला फायरफॉक्स वर्जन 101 का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करने की सलाह दी है।
UNISOC मोबाईल चिपसेट:
UNISOC चिपसेट आधारित एंड्रॉइड स्मार्टफोन के लिए एक हाई-लेवल अलर्ट बताया गया है साथ में उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट में कहा गया है कि हमलावरों द्वारा मनमाने कोड को डालकर करने और लक्षित उपकरणों में सेवाओं से इनकार करने के लिए भेद्यता का फायदा उठाया जा सकता है। इसका उपयोग उपयोगकर्ताओं को संचार की संभावना से वंचित करने के लिए भी किया जा सकता है। हालाँकि, बग्स, जैसा कि उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार , "मॉडेम फर्मवेयर में पाया गया था, न कि एंड्रॉइड ओएस में ही"।
UNISOC चिपसेट के बारे में:
पिछले साल चीन में स्थित एक फैबलेस सेमीकंडक्टर कंपनी UNISOC ने भारतीय बाजार के लिए बजट स्मार्टफोन को पावर देने के लिए Motorola, Micromax और Realme जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी की थी।
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