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पिता को बेटी का सपना पूरा करने के लिए बेचना पड़ा था घर तक, बेटी बनी अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज | Dreams Comes True | Father| Doughter

                    

                  Image source-twitter 

पिता ने घर बेचकर तीर- धनुष खरीदा, बेटी बनी अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज 2021 में वर्ल्ड यूथ आर्चरी चैंपियन बनी।

आपने अक्सर ये सुना है या देखा होगा कि मां बाप अपने बेटा को बहुत बड़े पोजिशन पर पहुंचाने के लिए इतना त्याग किया है, लेकिन ये एक ऐसे पिता की कहानी है जिसने अपने बेटी के सपने को साकार करने के लिए इतना बड़ा त्याग किया है।

झारखंड ,जमशेदपुर के घनश्याम बारी ने अपनी बेटी के सपने को पूरा करने के लिए अपने घर तक को बेच दिया। यहां तक कि उन्होंने चाय भी घूम-घूमकर बेची है, बेटी के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है। बेटी ने भी पिता के त्याग को समझा और वो 2021 में विश्व यूथ आर्चरी की चैंपियन बनी।

   

चार कट्ठे में बने मकान को 2016 में बेचा, छोटा मोटा काम किया ( Sold the house built in four boxes in 2016, did a small job): उन्होंने कहा कि बेटी का स्पोर्ट्स के प्रति रुझान देखकर ही उन्होंने यह फैसला लिया। बेटी के सपने को पूरा करने के लिए चार कट्ठे में बना घर बेच दिया। इस फैसले में पूरा घर उनके साथ खड़ा रहा।

पश्चिम सिंहभूम के तांतनगर ब्लॉक के रोलाडीह के रहने वाले घनश्याम बताते हैं कि उनके पास रोजी रोटी का कोई साधन नहीं है। जब जो काम मिलता है वह कर लेते हैं।

कोमालिका बारी के तीरंदाजी का सफ़र ( Archery journey of Komalika Bari ): कोमालिका बारी झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली हैं और उन्‍होंने 2012 में आइएसडब्ल्यूपी तीरंदाजी सेंटर से अपने करियर की शुरुआत की थी। तार कंपनी में 4 सालों तक मिनी और सबजूनियर वर्ग में शानदार प्रदर्शन के बाद कोमालिका को 2016 में टाटा आर्चरी एकेडमी में प्रवेश मिला था। टाटा आर्चरी एकेडमी में उन्‍हें द्रोणाचार्य पूर्णिमा महतो और धर्मेंद्र तिवारी जैसे दिग्गज प्रशिक्षकों ने तीरंदाजी के गुर सिखाए। इन 3 सालों में कोमालिका ने डेढ़ दर्जन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते है।

 

विश्वकप में स्वर्ण पदक जीतने पर रांची जिला तीरंदाजी संघ ने हर्ष व्यक्त किया है। संघ की अध्यक्ष नेहा महतो ने ने कहा कि कोमालिका ने पोलैंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर 21 महिला वर्ग का स्वर्ण अपने नाम कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अंडर 18 और अंडर 21 का स्वर्ण जीतने वाली भारत की दूसरी तीरंदाज है उससे पहले दीपिका कुमारी ने यह उपलब्धि हासिल की थी। मुझे उम्मीद है कि आने वाले समय में कोमालिका और भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। संघ के सचिव चंचल भट्टाचार्य ने कहा कि आगे आने वाले टूर्नामेंटों में कोमालिका राज्य और राष्ट्र का गौरव बढ़ाएगी।


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