अग्निपथ योजना के घोषणा के बाद देशभर में युवाओं के हुए विरोध प्रदर्शन के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval)सामने आए हैं। उन्होंने ANI को दिए इंटरव्यू में 'अग्निपथ योजना' को समय की जरूरत बताया है। अजीत डोभाल ने अग्निपथ योजना समेत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी बात की है। आईए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है ।
Image source-googleअग्निपथ योजना को लेकर विरोध कर रहे युवाओं को संदेश देने के लिए एनएसए अजीत डोभाल सामने आए और उन्होंने खुलकर अग्निपथ योजना से जुड़े हर मसले पर बातचीत की। अग्निवीरों की भर्ती से लेकर ट्रेनिंग और फिर पोस्टिंग तक के बारे में सबकुछ बताया। पढ़िए डोभाल के न्यूज़ एजेंसी ANI इंटरव्यू की बड़ी बातें...
'अग्निपथ योजना' क्यों लाई गई? (Why was the 'Agneepath scheme' introduced?):
“अग्निपथ योजना समय की जरूरत है। भारत के आसपास माहौल बदल रहा है। बदलते समय के साथ सेना में बदलाव जरूरी है। इसे एक नजरिए से देखने की जरूरत है। अग्निपथ अपने आप में एक स्टैंडअलोन योजना नहीं है। 2014 में जब पीएम मोदी सत्ता में आए, तो उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक भारत को सुरक्षित और मजबूत बनाना था। ये योजना उसी का एक हिस्सा है।”
'अग्निपथ योजना' से सेना को क्या फायदा मिलेगा? (What benefit will the army get from 'Agneepath Yojana'?):
“देश को सुरक्षित करने के लिए तकनीक, हाईटेक हथियार, सिक्योर डिफेंस कम्युनिकेशन के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। हमने नई-नई तकनीक का प्रयोग शुरू किया है। यहां तक की हमने स्पेस पॉवर में भी बड़ी सफलता हासिल की है। इसको ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा युवाओं की जरूरत पड़ेगी जो तकनीक के मामले में दक्ष होते हैं। अग्निपथ योजना इसी का एक हिस्सा है। इससे हमें बड़ी संख्या में टेक फ्रेंडली युवा मिलेंगे।”
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छह महीने में रडार से लेकर पनडुब्बी तक का कठिन प्रशिक्षण कैसे दिया जा सकता है? ( How can one give rigorous training from radar to submarine in six months?):
“यह कितना बड़ा विरोधाभास है कि भारत की आबादी दुनिया में सबसे युवा है लेकिन उसकी सेना सबसे ज्यादा उम्रदराज है। अग्निवीर से कभी पूरी आर्मी नहीं बनेगी। हम अग्निवीरों को चार वर्ष तक परखेंगे और तब पता चलेगा कि वो कौन से 25 प्रतिशत अग्निवीर हैं जिन्हें आगे ले जाना है। परमानेंट सर्विस वाले अग्निवीरों को हर तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसलिए यह मत समझिए कि भारतीय सेना चार वर्ष की सेवा वाले अग्निवीरों के भरोसे ही रहेगी बल्कि भारतीय सेना क्रीम सोल्जरों से मिलकर बनेगी।”
चार साल बाद क्या करेंगे अग्निवीर? ( What will Agniveer do after four years?):
“सोचिए 22-23 वर्ष का युवक चार वर्ष अग्निवीर के रूप में गुजारकर जॉब मार्कट में आया है। उसकी तुलना उस युवक से कीजिए जो अग्निवीर नहीं बना। जो अग्निवीर अपने प्रतिस्पर्धी के मुकाबले हर मोर्चे पर आगे रहेगा। इसलिए उसके पास कोई रास्ता बंद नहीं हुआ है। उसके पास करीब 11 लाख रुपये भी हैं। अगर वह चाहे तो पढ़ाई कर सकता है, कोई बिजनेस कर सकता है। पहले का जमाना अलग था। उस वक्त सैनिक रिटायर होने के बाद अपने गांव चला जाता था और वहां अपनी जमीन से अन्न उपजाता था और पेंशन से बाकी खर्चे निकल जाते थे। आज वो हालात नहीं रह गए हैं।”
“सेना में चार साल बिताने के बाद अग्निवीर जब वापस जाएगा तो वह स्किल्ड और ट्रेन्ड होगा। वह समाज में सामान्य नागरिक की तुलना में कहीं ज्यादा योगदान कर पाएगा। पहला अग्निवीर जब रिटायर होगा तो 25 साल का होगा। उस वक्त भारत की इकनॉमी 5 ट्रिलियन डॉलर की होगी। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को ऐसे लोग चाहिए होंगे। सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज, राज्य पुलिस समेत अन्य कई भर्तियों में ऐसे ट्रेंड युवाओं की जरूरत होगी। सभी विभागों ने पहले ही अग्निवीरों को नौकरी में वरीयता देने का एलान कर दिया है।”
जब इतनी अच्छी योजना फिर विरोध क्यों? (Why then protest when such a good plan?):
“दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है। जबकि दूसरे वो हैं जिन्हें देश की शांति, सुरक्षा से कोई मतलब नहीं है। वे बस ऐसे मुद्दे ढूंढ़ते हैं जहां भावुकता को बढ़ावा दिया जा सकता है। जो अग्निवीर बनना चाहते हैं, वो इस तरह हिंसा नहीं करते। कुछ लोग जिनके पश्चिमी हित हैं। कोचिंग चला रहे हैं। यह देखते हुए हमें अंदाजा था कि ऐसा होगा। लेकिन इस बार उन्होंने प्रदर्शन की हदें पार कीं। राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बनने लगे। ऐसे लोगों पर सख्ती करनी पड़ेगी। लोकतंत्र में विरोध की इजाजत है, अराजकता की नहीं। जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं।”
अग्निपथ योजना को वापस लिया जाएगा? (Will the Agneepath scheme be withdrawn?):
“नहीं, इस योजना के रोलबैक का सवाल ही नहीं है। ये योजना देश के लिए जरूरी है। युवाओं के लिए जरूरी है। हर किसी ने इसकी जरूरत महसूस की लेकिन उनमें लागू करने की ईच्छा शक्ति और हिम्मत नहीं थी। 2007 में विदेश मंत्रालय ने इसे पूरी तरह से नजरंदाज किया।”
चार साल वर्दी पहनने वालों को समाज में वह सम्मान नहीं मिलेगा जो पुराने सैनिकों का हुआ करता था? (Those who wear uniform for four years will not get the respect in the society that old soldiers used to have?):
“यह एक भ्रम है। अग्निवीर गांव लौटेंगे तो उनको वही सम्मान मिलेगा क्योंकि वह कौशल और अनुशासन के साथ लौटेंगे और समाज में भी बदलाव कर सकेंगे।”
Image source-googleअग्निपथ के विरोध में प्रदर्शन पर क्या बोले डोभाल? (What did Doval say on the protest against Agneepath?):
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर भी डोभाल ने खुलकर बात की। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि विरोध, आपकी आवाज उठाना उचित है और लोकतंत्र में इसकी अनुमति है, लेकिन इस बर्बरता, इस हिंसा की अनुमति नहीं है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।' उन्होंने कहा कि इसमें दो तरह के प्रदर्शन हो रहे हैं, एक तो वे हैं जिन्हें चिंता है, उन्होंने देश की सेवा भी की है। या जब भी कोई बदलाव आता है कुछ चिंताएं उसके साथ आती हैं। हम इसे समझ सकते हैं। जैसे-जैसे उन्हें पूरी बात का पता चल रहा है वे समझ रहे हैं। जो दूसरा वर्ग है उन्हें न राष्ट्र से कोई मतलब है, न राष्ट्र की सुरक्षा से मतलब है। वे समाज में टकराव पैदा करना चाहते हैं। वे ट्रेन जलाते हैं, पथराव करते हैं, प्रदर्शन करते हैं। वे लोगों को भटकाना चाहते हैं।
NSA अजीत डोभाल ने कहा कि जो युवा 'अग्निवीर' बनना चाहते हैं, उनके लिए मेरा संदेश है कि सकारात्मक रहें, राष्ट्र में विश्वास रखें, नेतृत्व पर और खुद पर भी विश्वास रखें।
ANI के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा कि पिछले 8 सालों में बहुत स्ट्रक्चरल सुधार हुए हैं। रेजिमेंट के सिद्धांत में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा, जो रेजिमेंट हैं वे रहेंगी। डोवाल ने कहा कि हम जो कल कर रहे थे, अगर वही भविष्य में भी करते रहे तो हम सुरक्षित रहेंगे ये कतई जरूरी नहीं है।
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