सेना में भर्ती के लिए आई 'अग्निपथ योजना' पर भड़के छात्र, बिहार में सड़क पर उतरे ट्रेन पर किए पथराव | Students furious | Agneepath scheme | Army recruitment
केन्द्र की मोदी सरकार ने सेना में भर्ती के लिए 'अग्निपथ योजना ' लाई है। कल ही केंद्र की मोदी सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी और तभी से इसके विरोध में सोशल मीडिया पर पोस्ट की भरमार लग गई थी, अब एक दिन बाद इसके विरोध में सेना में जाने वाले युवाओं ने जगह- जगह पर सड़क पर प्रर्दशन करना शुरू कर दिया है।
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अभी अभी खबर आ रही है कि बिहार के अलग अलग जिलों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नज़र आए और ट्रेन पर भी पथराव किए हैं। सड़कों पर उतरे युवाओं का सवाल है कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा। उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?
क्यों हो रहा है अग्निपथ योजना का विरोध? (Why is there opposition to the Agneepath scheme?):
जहां केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना को मील का पत्थर बता रहे हैं वहीं छात्रों का सवाल है कि इस योजना के तहत भर्ती पाने वाले युवा जब चार साल की सर्विस का कॉन्ट्रैक्ट पूरा कर लेंगे तो फिर उसके बाद उनके भविष्य का क्या होगा। जब 15 साल से अधिक की सेवा के बाद जब रेगुलर सैनिक भी लौटते हैं तो उनमें से ज्यादातर गार्ड या बैंक के सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करना होता है ऐसे में 4 साल कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किए जाने वाले युवाओं का क्या होगा।
क्या है अग्निपथ योजना? (What is Agneepath Scheme?):
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई योजना लाई गई है, जिसमें इतने कम समय के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा। इसके अंतर्गत पहले साल में 46 हजार युवाओं की भर्ती होना है। ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे।
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी।
- सेना, वायु सेना और नौ सेना में अधिकारी रैंक से
नीचे के सैनिकों के लिए होगी।
- तीनों सेनाओं में एक अलग रैंक बनाई जाएगी।
-30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे।
-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, -तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा।
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की -सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी।
-सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा, जबकि 75 प्रतिशत को सेवामुक्त कर दिया जाएगा।
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