1 July से 4 नए Labour Code लागू करने की। अगर ऐसा होता है तो एक दिन में कर्मचारियों को 12 घंटे में काम करना पड़ सकता है। आखिरकार ये चार लेबर कोड क्या है ? और इसके लागू होने से क्या असर होगा आइए जानते हैं।
1 जुलाई 2022 से केन्द्र सरकार 44 सेन्ट्रल एक्ट को मिलकर बनाए गए चार लेबर कोड को लागू कर सकती है। आइए इन चार लेबर कोड को समझते हैं।
पहला लेबर कोड ( First Labour Code) : 1.सोशल सिक्योरिटी कोड ( Social Security Code) : इसके अंतर्गत ईएसआईसी ( ESIC) और ईपीडीओ (EPDO) की सुविधाओं को बढ़ाया गया है। इसे लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स , गिग्स वर्कर्स, प्लेटफार्म वर्कर्स को भी ESIC की सुविधा दी जाएगी।
इसके अलावा किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
साथ ही बेसिक सैलरी कुल वेतन का 50 प्रतिशत या उससे अधिक होना चाहिए।
बेसिक सैलरी बढ़ने से क्या असर होगा? What will be the effect of increasing the basic salary? ) : इससे ज्यादातर कर्मचारियों के सैलरी का स्ट्रक्चर बदलेगा। बेसिक सैलरी के बढ़ने से ग्रेच्युटी और पीएफ ( PF) का रूपया पहले से ज्यादा कटेगा। कयोंकि पीएफ बेसिक सैलरी पर अधारित होता है।
2.व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति कोड ( Occupational safety , Health and working Condition Code ): इस कोड में लीव पॉलिसी और सेफ एनवायरनमेंट देने की कोशिश किया गया है। इस कोड के लागू हो जाने के बाद 240 के बजाए 180 काम के बाद ही लेबर छुट्टी का हकदार बन जाएंगे।
इसके अलावा किसी कर्मचारी को कार्यस्थल पर चोट लग जाने पर कम से कम 50 प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा।
इसमें हफ्ते में अधिकतम 48 घंटे काम का प्रावधान शामिल है। यानी 12 घंटे काम करने वाले को हफ्ते में 4 दिन काम करने की छूट होगी।10 घंटे की शिफ्ट काम करने वाले को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट काम करने वाले को 6 दिन काम करना होगा।
3. औद्योगिक संबंध कोड ( Industrial relations code ): इस कोड में कंपनियों को काफी छूट दी गई है। नया कोड लागू होने के बाद 300 से कम कर्मचारियों वाली कंपनियां बिना सरकार के मंजूरी के ही छंटनी कर सकती है।
2019 में इस कोड में कर्मचारियों की सीमा 100 रखी गई थी , जिसे 2020 में बढ़ाकर 300 कर दी गई ।
4. वेज कोड ( Wadge Code): इस कोड के अंतर्गत पूरे देश के मजदूरों को मजदूरी भुगतान करने के लिए मिनीमम मजदूरी देने का प्रावधान किया गया है। इस कोड के अंतर्गत सरकार पूरे देश के लिए मिनिमम मजदूरी तय करेगी। सरकार का मनाना है कि इसे लागू होने के बाद देश 50 करोड़ कामगारों को समय पर और निश्चित मजदूरी मिलेंगी।
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