हम सब ने हमेशा भारत के नक्शे में श्रीलंका को देखा है ! बचपन से हमेशा भारत के मानचित्र देखने और उसका चित्र बनाने के बावजूद भी बहुत सारे लोग नहीं जानते हैं कि क्यों भारत के नक्शे में श्रीलंका को क्यों दिखाया जाता है?
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अगर आप भी इस सवाल के जवाब जानना चाहते हैं कि क्यों भारत के नक्शे में श्रीलंका को दिखाया जाता है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।
भारत के नक्शे में श्रीलंका को क्यों दिखाया जाता है: अगर आप किसी भी देश के मानचित्र (नक्शे) पर नजर डालेंगे तो आप देखेंगे कि हर देश की सीमा रेखा दूसरे देश से मिलती है। ऐसे में किसी भी देश का नक्शा देखने पर आपको दूसरा देश भी दिखाई देता है। इसका ये मतलब नहीं होता है कि किसी देश के मानचित्र में दिखाया गया देश उस देश का हिस्सा होगा। Image source-google
इसी तरह भारत के नक्शे में दिखाया गया श्रीलंका हमारे देश का हिस्सा नहीं है लेकिन उसे हमारे देश के नक्शे में दिखाए जाने के पीछे समुद्री कानून है। इस कानून को 1956 में बनाया गया था; जिसके तहत किसी भी देश के आधार लाइन ( बेस लाइन) से 200 नॉटिकल माइल्स तक समुंद्र में मैजूद हर चीज को नक्शे में दिखाना अनिवार्य है। आपको बता दें कि एक नॉटिकल माइल्स 1.824 km के बराबर होता है। इस हिसाब से 200 नॉटिकल माइल्स 370 km होता है। ऐसे में सुमुंद्री कानून के तहत भारत के बेस लाइन से 370 km के अंदर आनेवाली हर एक चीज या देश को नक्शे में दिखाना अनिवार्य है। जिसके वजह से श्रीलांका दूसरा देश होने के बावजूद भारत के नक्शे में दर्शाया जाता है। Image source-google
आपको बता दें कि भारत के तमिलनाडु राज्य में स्थित धनुषकोडी गांव से श्रीलंका की दूरी महज 18 मील है। जिसके कारण श्रीलंका को अंतराष्ट्रीय समुंद्री कानून के तहत भारत के नक्शे में दिखाया जाता है। यही वजह है कि श्रीलंका को भारत के नक्शे में दिखाए जाने पर कोई विवाद खड़ा नहीं होता है।
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