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पूरे भारत में लंबे समय तक बिजली कटौती का सामना क्यों करना पड़ रहा है?

बिजली संकट: आजकल आप देश के जिस राज्य में भी रह रहें हो आप एक समस्या का सामना कर रहे होंगे और है बिजली कटौती; अधिकतर राज्यों के लोगों को अत्याधिक बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है; और ये वही बिजली संकट है जो पिछले साल भी देखा और महसूस किया गया था। ये भी कहा जा रहा था कि कोयला खत्म होने के कारण अलग अलग राज्यों में सिर्फ इतने इतने दिनों तक बिजली आएगी। वही हाल अभी देश के सभी राज्यों में फिर से खड़ा हो गया है।
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बिजली संकट के कारण:

देश में बिजली संकट खड़ा होने का सबसे बड़ा कारण है देश में रेलवे रैक का न होना। इसका एक कारण और है जो कि है COVID 19 पैंडेमिक, COVID-19 के दौरान कई फैक्ट्रियां बंद थी जिसके कारण कोयले की मांग घट गई थी और जब लॉकडाउन हटा तो अचानक से आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए बड़े पैमाने पर फैक्ट्रियों में काम होने लगे। जिससे भी कोयला संकट खरा होने की बात कही जाती है।
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पावर कट्स के पीछे की साइंस की बात करें तो बात सिम्पल है डिमांड बढ़ी है और सप्लाई कम है। लोग ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक चीजें इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि मौसम बहुत गर्म है।

वहीं सरकार कोयले की कमी के कारण डिमांड पूरी नहीं कर पा रही है। कोयले का इस्तेमाल इंडिया में 70% बिजली के लिए किया जाता है।
सेंट्रल इलेक्ट्रिक अथॉरिटी ( CEA ) के अनुसार भारत में टोटल 108 थर्मल पॉवर प्लांट हैं जिनमें से 88 प्लांट्स घरेलू कोयले से चलती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गवर्नमेंट द्वारा एनर्जी कम्पनी को पेमेंट देरी किया जाना भी बिजली कटौती का एक बड़ा कारण है। रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि सरकार पर कर्ज़ बढ़े हैं।
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किन राज्यों में है अत्याधिक बिजली संकट :अभी के बिजली संकट के कारण किन चीजों पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं। अभी फिलहाल 12 ऐसे राज्य हैं जो कोयले के संकट का सामना कर रहे हैं। इन 12 राज्यों में आंध्रप्रदेश की हालत सबसे ज्यादा गम्भीर है। कोयला भण्डार हमारे देश में 9 साल में सबसे कम है। हालांकि सरकार का दावा है कि कोयले की कोई कमी नहीं है।

बिजली का संकट सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बढ़ा है क्योंकि COVID-19 पैंडेमिक के बाद सभी देशों में आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए सभी बंद फैक्ट्रियों में काम बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। जिसके कारण डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर आ गया। यानी बढ़े डिमांड को पूरा नहीं किया गया है। बढ़ती कोयले डिमांड के कारण इसकी कीमत में 40% प्रतिशत का बढ़ोतरी भी हो गई है।
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