आपने अक्सर राशन वितरण प्रणाली में हो रहे भ्रष्टाचार की खबरें तो सुनी और रोज इसका आम आदमी अपने गांव के राशन वितरण केन्द्र पर अपने डीलर को लेकर शिकायत दर्ज कराते हुए देखे और सुने होंगे। लेकिन ये मामला देश के स्तर पर हो रहे राशन सामग्री में हो रहे भ्रष्टाचार का है। जिसमें सीबीआई स्तर की जांच की जरुरत थी।
इस मामले में सीबीआई ने राशन और सामग्री की आपूर्ति करने वाले निजी ठेकेदारों से रिश्वत लेने के आरोप में एक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल और पांच अन्य को भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज किया है। Image source-google
जिस लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक चंद्रा पर सीबीआइ ने घूसखोरी का मामला दर्ज किया है, वो पोर्ट ब्लेयर में तैनात सेना अधिकारी, एसएसओ (कॉन्ट्रैक्ट एंड विकचुअलिंग) है।
जिस लेफ्टिनेंट कर्नल अभिषेक चंद्रा पर सीबीआइ ने घूसखोरी का मामला दर्ज किया है, वो पोर्ट ब्लेयर में तैनात सेना अधिकारी, एसएसओ (कॉन्ट्रैक्ट एंड विकचुअलिंग) है।
सीबीआई ने क्या कहा:
सीबीआइ के मुताबिक, फील्ड अधिकारियों की मिलीभगत से विभिन्न निजी ठेकेदारों आपूर्तिकर्ताओं से कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के आरोप में सैन्य अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। Image source-google
अभिषेक चंद्रा पर क्या है आरोप:
अभिषेक चंद्रा पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया है।
उन पर पर पोर्ट ब्लेयर स्थित एक आपूर्तिकर्ता से तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। Image source-google
इसके अलावा अभिषेक चंद्रा ने कथित तौर पर 75 हजार रुपये मांगे थे और निजी ठेकेदार से यह राशि ली भी थी, इसके लिए अभिषेक चंद्रा ने एनईएफटी के माध्यम से बोकारो में दो बैंक खातों में राशि जमा करवाई।
इसके अलावा अभिषेक चंद्रा ने कथित तौर पर 75 हजार रुपये मांगे थे और निजी ठेकेदार से यह राशि ली भी थी, इसके लिए अभिषेक चंद्रा ने एनईएफटी के माध्यम से बोकारो में दो बैंक खातों में राशि जमा करवाई।
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