सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अब इस बैंक की 600 शाखाएं होने जा रही हैं बंद, चेक कर लीजिए आपका खाता तो नहीं

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI): 100 साल से ज्यादा पुराने इस सरकारी बैंक की 600 ब्रांच होने वाले हैं बंद। ये सभी ब्रांच मार्च 2023  तक यानि सिर्फ अगले 11महीनों में ज्यादातर ब्रांच को बन्द करेगा और कुछ ब्रांच को दूसरे के साथ विलय कर देगा।
                 Image source-google
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत किया जा सके। आपको बता दें कि अभी वर्तमान में इस बैंक के देश भर में टोटल 4,594 ब्रांच है। इस बैंक की स्थापना 1911 में की गयी थी। इसे पहला भारतीय वाणिज्यिक बैंक होने का गौरव भी प्राप्त है।

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर ₹36 करोड़ का जुर्माना: 

हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 36 लाख रुपये का जुर्माना लगा चुका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 18 अप्रैल, 2022 के एक आदेश द्वारा, 'ग्राहक संरक्षण में ग्राहकों की देयता को सीमित करने' पर कुछ निर्देशों का पालन न करने के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया पर 36 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाया था।
             Image source-google
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया की वित्तीय स्थिति नहीं सुधरी:
आपको बता दें कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को कुछ अन्य सरकारी बैंकों के साथ 2017 में रिजर्व बैंक (RBI) के पीसीए (PCA) के दायरे में डाला गया था। हालांकि तब से अब तक सिर्फ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को छोड़ बाकी के सारे बैंकों ने अपनी फाइनेंशियल कंडीशन ठीक कर ली और लिस्ट से बाहर आ गए।

                   Image source-google

PCA क्या है और कौन से बैंक इसके अन्तर्गत आते हैं: 

सबसे पहले ये जान लीजिए कि PCA होता क्या है बैंकिंग क्षेत्र में, पीसीए के तहत किसी वाणिज्य बैंक को आरबीआई द्वारा जांच के अंतर्गत आता है और उधार देने और जमा करने पर प्रतिबंध रहता है साथ ही शाखा विस्तार और हायरिंग को रोकने के अलावा उधार पर अन्य सीमाओं से भी गुजरना पड़ता है।
PCA यानि, त्वरित सुधारात्मक इकाई  (prompt corrective Action) इसके अन्तर्गत सिर्फ  वाणिज्यिक बैंक ही आते हैं। और आपको पहले ही पता है कि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया भारत का पहला वाणिज्यिक बैंक है।
दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें! 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...