बड़ी खबर: सुप्रीम कोर्ट से वेश्यावृत्ति को भारत में मिली कानूनी मान्यता, इस फैसले के बाद क्या बदल जाएगा जानिए
सुप्रीम कोर्ट: सर्वोच्च न्यायालय ने सेक्स वर्क (वेश्यावृत्ति) को लीगल पेशा माना है। सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका के ऊपर सुनवाई करते हुए साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और न ही सहमति से सेक्स वर्क में काम करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है।
Image source-googleइस याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन जजों की बेंच जस्टिस बीआर गवई, एल नागेश्वर राव और एएस बोपन्ना की बेंच ने फैसला देते हुए कहा, “सेक्स वर्कर्स को कानून से बराबर संरक्षण का अधिकार है। सभी मामलों में उम्र और सहमति के आधार पर फौजदारी कानून (क्रिमिनल लॉ) लागू होना ज़रूरी है। जब ये साफ हो कि सेक्स वर्कर अडल्ट है और सहमति से पार्टिसिपेट कर रही है, तो पुलिस को दखल देने या आपराधिक कार्रवाई करने से बचना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि प्रोफेशन कोई भी हो, संविधान के आर्टिकल 21 के तहत भारत के हर नागरिक को एक सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है।”
Image source-googleसुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 27 जुलाई तक का समय दिया है।
सेक्स वर्कर्स (वेश्यावृत्ति) के लिए सुप्रीम कोर्ट के क्या हैं गाइडलाईन: सुप्रीम कोर्ट ने सेक्स वर्कर्स (वेश्यावृत्ति) से जुड़े लोगों के लिए जो गाइडलाईन जारी किए हैं उसमें पुलिस, मीडिया और राज्यों को क्या कहा है आइए जानते हैं।
Image source-googleपुलिस: पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह उनके साथ गरिमामय तरीके से पेश आएं। उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल न हो। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जब भी पुलिस छापा मारे तो सेक्स वर्कर्स को गिरफ्तार या परेशान न करे, क्योंकि इच्छा से सेक्स वर्क में शामिल होना अपराध नहीं है, सिर्फ वेश्यालय चलाना अपराध है।
मीडिया: मीडिया से कहा है कि वह किसी भी तरह से सेक्स वर्करों और उनके क्लाइंट की तस्वीर न दिखाएं और न ही छापें। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा-354 सी के तहत उन्हें सुरक्षा मिली हुई है। सेक्स वर्कर्स की पहचान उजागर न हो, चाहे वह पीड़ित हो या आरोपी। साथ ही ऐसी किसी भी तस्वीर का प्रसारण न किया जाए, जिससे उसकी पहचान सामने आए।
Image source-googleराज्य: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा है कि सेक्स वर्करों और उनके बच्चों को मूलभूत सुविधाएं, मानवीय मर्यादा और गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए। इन्हें सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है। इससे इन्हें बचाना है।भारत में सेक्स वर्कर्स के लिए नियम: भारत में वेश्यावृत्ति अवैध नहीं है, खुले में वेश्यालय चलाना अवैध है.
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