सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बिहार के लिए ICSE बोर्ड क्यों है महत्वपूर्ण?



विद्यालय के चयन का प्राथमिक कर्तव्य माता-पिता का होता है।  लेकिन, अभी के  समय में, सर्वश्रेष्ठ स्कूल का चयन करना ही काफी नहीं है;  आपको बड़ा सोचना होगा।  आपको बोर्ड पर भी निर्णय लेने की आवश्यकता होगी। जो दुनिया में कहीं भी एक अच्छा करियर स्थापित करने में मदद करेगा। बहुत सारे बोर्ड हैं ; जो दावा करती है कि हम दूसरे बोर्ड से बेहतर हैं।  आज हम आपको एक ऐसे बोर्ड के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो खासकर के हिन्दी भाषी राज्यों के बच्चों को अपने ज़िंदिगी आगे बढ़ने का मौका देता है विदेशों में भी अच्छी करियर विकल्प चुनने में।  जिस राज्य के बच्चे को सबसे ज्यादा फायदा होगा वो है बिहार और उत्तर प्रदेश; जहां आज भी बहुत सारे बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित हैं। आज हम आपको बता रहे हैं आईसीएसई बोर्ड के बारे में।

                          Image source-google

ICSE बोर्ड में पढ़ने के क्या गुण हैं?

ICSE बोर्ड का फुल फॉर्म Indian Certificate of Secondary Education होता है।  इस बोर्ड की खासियत है कि यह प्रेटिकल नॉलेज पर आधारित बच्चों को तैयार करता है; जबकि अन्य बोर्ड थ्योरी पर आधारित होती है। यदि आप अपने बच्चे के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय स्कूल चुनते हैं, तो आप यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आप उन्हें विदेश में उनकी उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए तैयार कर रहे हैं। लेकिन अगर आप अपने बच्चे को आईसीएसई पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूल में डाल रहे हैं, तो आप अपने बच्चे को आईजीसीएसई, आईबी पाठ्यक्रम के तहत पढ़ने वाले बच्चे के समान लाभ दे रहे हैं।

                     Image source-google

आईसीएसई पाठ्यक्रम का पालन करने के कुछ फायदे हैं-

आईसीएसई में पढ़ाए जाने वाले हर विषय को विस्तार से कवर किया जाता है, इसलिए छात्रों को इस विषय के बारे में बेहतर ढंग से समझने के लिए पर्याप्त ज्ञान होता है।

आईसीएसई बोर्ड द्वारा प्रदान किया गया प्रमाण पत्र दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है, और इस प्रकार आपका बच्चा किसी विदेशी संस्थान में दाखिला ले सकता है यदि वे विदेश में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं।

आईसीएसई में पढ़ने वाले छात्रों को अंग्रेजी अच्छी तरह से सीखने को मिलती है क्योंकि इस विषय को बोर्ड द्वारा व्यापक कवरेज मिलता है।

आईसीएसई पाठ्यक्रम का अध्ययन करने से आपके बच्चे के प्रबंधन कौशल को विकसित करने में मदद मिलती है, और इस प्रकार वे प्रबंधन का अध्ययन करते समय अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

आईसीएसई बोर्ड द्वारा अनुसरण किया जाने वाला पाठ्यक्रम ऐसा है कि यह छात्रों को उस विषय का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करके विश्लेषणात्मक कौशल को बढ़ाता है जिसका वे अध्ययन कर रहे हैं।

आईसीएसई पृष्ठभूमि के साथ, आपका बच्चा विदेश में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति परीक्षा में प्रवेश कर सकता है क्योंकि पाठ्यक्रम इस क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित करने के लिए उपयुक्त है।

जो छात्र आईसीएसई बोर्ड में पढ़ते हैं, वे टीओईएफएल परीक्षा को पास करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होते हैं क्योंकि उन्हें अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान होता है।

दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें!


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

कौन है यूट्यूबर Nitish Rajput? | नीतीश राजपूत जीवनी, कुल संपत्ति, आयु, प्रेमिका, परिवार और अधिक

                        Image source-twitter  नीतीश राजपूत एक YouTuber, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। उन्होंने टिकटॉक पर अपने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। टिकटॉक पर नीतीश राजपूत के वीडियो प्रेरक और ज्ञानवर्धक होते थे, जिससे उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली थी। लेकिन टिकटॉक अब भारत में बैन हो गया है। अब नीतीश अपने वीडियो यूट्यूब पर शेयर करते हैं। नीतीश राजपूत जीवनी  नीतीश ने टिकटॉक वर्सेज यूट्यूब विषय पर एक वीडियो बनाया था जो काफी चर्चा में रहा था और इस वजह से नीतीश को काफी पहचान भी मिली थी।  यूट्यूब पर नीतीश के और भी वीडियो हैं, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और लोग उन्हें पसंद भी कर रहे हैं।  नीतीश राजपूत ने शिक्षा व्यवस्था पर एक वीडियो बनाया था जो काफी वायरल हुआ था और खूब सुर्खियां बटोर रहा था।   नीतीश राजपूत का बचपन   और सपने  बाकी बच्चों की तरह नीतीश राजपूत बचपन में एक बेहद साधारण से बच्चे हुआ करते थे।  पढ़ने-लिखने की नौकरी पाने वालों में से एक नीतीश कुमार राजपूत में बचपन से ही कुछ बड़ा क...