नमस्कार दोस्तों हम यहां पर आज बात कर रहे हैं इंडिया में EVs में आग लगने की घटना को लेकर के। यहां पर हाल ही में हमारे पास बहुत सारे घटना आए हैं आग लगने को लेकर के। मुझे उम्मीद है कि आप के पास भी इस तरह की घटना देखने, सुनने को मिली होगी। कंपनिया अभी बोल रही है कि हम पता कर रहे हैं कि क्यों ऐसा हो रहा है । अभी भारत सरकार भी बीच में आई है और EVs गाड़ियों को लेकर काफी चिंतित भी है; और इलेक्ट्रिक गाड़ी के मालिकों से जवाब तलब किया है ऐसा क्यों हो रहा है?
एक समय था जब मोबाईल फोन फटते थे। आज EVs के समय में ये कॉमन हो रही है कि EVs में आग लग रही है;चारों तरफ ये ख़बर फैल रही है। हाल ही में इंडिया में EVs काफी पॉपुलर हो रहे हैं ऐसे में बहुत सारे ऐसे घटना भी सामने आई जिसमें आग लगने को लेकर कई घटना सामने आई है; और इस दौरान जान जाने की भी ख़बर सामने आई है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है।
क्या भारत में इलेक्ट्रिक वाहन सुरक्षित हैं?
ऐसे हमारे मन में ये सवाल भी आता है कि हम EVs गाड़ियां लें या नहीं। ये गाड़ियां सुरक्षित है भी या नहीं ! आग लगने की सबसे बड़ा कारण है EVs में लगी बैटरी। अगर बात करें आग लगने को लेकर तो किसी नॉर्मल गाड़ियों की तो उसमें भी ये आग लगने की घटना सामने आई है; लेकिन आग लगने के चांस EVs गाड़ियों में अधिक हो जाती है; ये अलग अलग कारणों से होती हैं आइए जानें क्या हैं अलग अलग कारण।
अधिकांश ईवी लिथियम-आयन या ली-आयन बैटरी पर चलते हैं, वही बैटरी जो अधिकांश उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग की जाती हैं। हवा के संपर्क में आने पर वे आग पकड़ने के लिए जाने जाते हैं। लिथियम-आयन और लिथियम धातु बैटरी विफल होने पर थर्मल रनवे नामक प्रक्रिया से गुजरती हैं।
EVs गाड़ियों में लगी लिथियम आयन बैटरी , हमने पहले भी स्मार्टफोन्स में फटने की घटना सुनी है, की चार्ज में लगे स्मार्टफोन फट गई है।
हीटिंग की वजह से भी ये घटना हो सकती है । अभी इंडिया में गर्मी शुरू ही हुई है और ऐसे में तापमान अत्यधिक हो जाती है ऊपर से उसपे लोड रहती है, जो कि स्वाभाविक है कि और ऐसे में तापमान और अधिक हो जाती है।
चार्जर या बैटरी के अन्दर कुछ गड़बड़ी होने के कारण भी आग लगने की संभावना बढ़ जाती है।
सावधानी और बचाव
आइए समझते हैं कि इससे कैसे बच सकते हैं
आज हम जिस तरह से अपने स्मार्टफोन का ख्याल रखते हैं उसी प्रकार से EVs गाड़ियों का ख्याल रखना चाहिए।
अच्छे चार्जिंग सर्किट का इस्तेमाल करें।
चार्जिंग करते समय जो भी रिमूवल बैटरी दी गई है उसे चार्ज में लगाकर वहां न सोए जिस रूम में आपने चार्ज में लगाए हैं।
गर्मी का समय आ गया है तो ऐसे में तापमान का ख्याल रखना होगा।
वैसे EVs कंपनी को चाहिए कि गाड़ी को इन्डियन एनवायरनमेंट में अच्छे से टेस्ट करके ही मार्केट में उतारी जाए।
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