सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

क्या 2024 तक भारत बन जाएगा विश्वगुरु?

.             Image source-google
 विश्वगुरू जिसका मतलब होता है विश्व को पढ़ाने वाला; या यूं कहें समूचे विश्व के गुरू। जब भी यह शब्द कहीं पढ़ने या सुनने को मिलता है तब तब भारत को विश्वगुरु बनता देखने की ये सवाल दिमाग में आ जाता है। आइए जानते हैं किन कारणों से भारत को विश्वगुरु माना जाता था और क्या पीएम नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल यानि 2024 तक भारत विश्वगुरु बन पाएगा।
एक तरफ तो भारत विश्वगुरु बनने की क्षमता रखता तो दूसरी तरफ कुछ बाधक भी जो भारत को विश्वगुरु बनने से रोकता है। उसकी भी चर्चा करेंगे।
              Image source-google

ऐसे कौन-कौन से कारण हैं जिसके कारण भारत विश्वगुरू बन सकता है:

साल 2014 में पहली बार में ही मंगल ग्रह के कक्षा में मंगलयान का उतरना।
ऐशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना।
एकता और विभिन्न धर्मों के साथ भारतीय सेना का दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी स्थाई सेना का होना।
असंभव को भी संभव करने की क्षमता रखने वाले भारतीय युवा। ये कुछ ऐसी चीजें हैं जो बताती है कि भारत में दुबारा विश्वगुरू बनने की क्षमता है। 
                Image source-google
भारत ने वैक्सीन मैत्री के तहत कोरोना के काल में दुनिया के 98 देशों को वैक्सीन के 17.5 करोड़ डोज भेजकर भारत ने मदद की। 
संकट काल में भारत दुनिया को गेहूं देने को तैयार है। 10अप्रैल को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगर। W.H.O हमें इजाज़त दे तो हम बहुत सारे देशों में गेहूं देने को तैयार हैं। भारत चीन के बाद दुनिया में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन करता है।
विश्वगुरू जिसका मतलब होता है कि विश्व को पढ़ाने वाला मदद करने वाला जिसका भारत जीता जागता उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है श्रीलंका में आए आर्थिक तंगी में मदद करके।
ऐसे कौन से कारण हैं जो भारत को विश्वगुरू बनने में बाधक है आईए जानते हैं: 
भारत को विश्वगुरु बनने में बाधक क्या है आईए जानते हैं। 
भारत की शिक्षा व्यवस्था का जो हाल है वो एक सबसे बड़ी चुनौती है भारत को विश्वगुरु बनने में। आए दिन कोई न कोई वीडियो या न्यूज आर्टिकल देखने/पढ़ने को मिल जाता है की स्कूल और कॉलेज में टीचर्स की भारी कमी है। और जो टीचर हैं उनकी भी पढ़ाने
 की क्षमता नहीं के बराबर है। 
भारत में बढ़ती बेरोजगारी भारत को विश्वगुरु बनने में एक बड़ी चुनौती है।
देश की स्वास्थ्य व्यवस्था , कोई भी सरकारी हॉस्पिटल में जाइए। आपको उसकी दुर्दशा देखकर अंदाजा लगा सकते हैं। कोई भी देश बिना गुरू विश्वगुरू नहीं बन सकता है। अगर भारत को विश्वगुरु बनाना है तो क्लास में गुरू की कमी और उनकी पढ़ाने की क्षमता अच्छा करना होगा।
आपको क्या लगता है अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर से विश्वगुरु बन पाएगा। इस पर आपकी क्या राय है प्लीज आप हमें कॉमेंट करके बताएं!
दी गई जानकारी अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें!

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...