सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बिहार के इस खिलाड़ी ने रचा इतिहास, डेब्यू में तिहरा शतक जड़ने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज़ बने

रणजी ट्रॉफी 2022 ,सकीबुल गनी ट्रिपल सेंचुरी: Bihar के बेटे ने इतिहास रच दिया है,बीसीसीआई के द्वारा आयोजित सत्र 2021-22 के रणजी ट्रॉफी के अपने डेब्यू मैच में ही यह कमाल कर दिखाया है। 

कोलकाता में मिजोरम के खिलाफ खेले जा रहे मुकाबले में बिहार के सकीबुल गनी ने 84 से अधिक के स्ट्राइक रेट 405 गेंदों में 341 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। 341 रन बनाने के उन्होंने 56 चौके और 2 छक्के के मदद ली। सचिन तेंडुलकर ने ट्विट कर लिखा 
बधाई अपने डेब्यू रणजी ट्रॉफी मैच में इस शानदार प्रदर्शन के लिए सकीबिल गनी!

इस कारनामे के बाद बिहार मेंभी लोग ट्विटर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग कर लिखने लगे कि 

मुझे याद है 1988 में सचिन-कांबली दोनों ने तिहरा शतक लगाकर स्कूल मैच में 664 रन जोड़े थे। तब इंटरनेट नहीं था पर देश में हंगामा हो गया था। कल एक बिहारी बच्चे ने फ़र्स्ट-क्लास का ‘वर्ल्ड-रिकॉर्ड’ बनाया। पर देश का रिस्पाॉंस देखकर मज़ा नहीं आया। बिहार सीएम ही 25 लाख दें!

जन्म और कैरियर
सकीबुल गनी  एक भारतीय क्रिकेटर हैं जिनका जन्म बिहार के मोतिहारी जिले में हुआ हैं। वे अपने माता पिता के सबसे छोटे संतान हैं। उन्होंने अपनी लिस्ट ए की शुरुआत अक्टूबर 2019 को, बिहार के लिए 2019-20 विजय हजारे ट्रॉफी में की। उन्होंने अपने ट्वेंटी 20 की शुरुआत  जनवरी 2021 को, बिहार के लिए, 2020–21 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में की। सकिबुल ने बिहार टीम की तरफ से खेलते हुए मिजोरम टीम के खिलाफ 341 रन बनाकर ऐसा करने वाले फर्स्ट क्लास डेब्यू पर तिहरा शतक बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए। 

अगर ये ख़बर आपको उपयोगी लगी हो तो अपने दोस्तों और परिवार में शेयर करें
 

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कौन हैं Math's Masti वाले शिक्षक से यूट्यूबर और फिर ग्राम प्रधान बनें विपिन सर? जीवनी, आयु, वेतन, प्रेमिका पत्नी, और अधिक

Image source-google    विपिन सर (मैथ्स मस्ती) की जीवनी विपिन सर एक गणित शिक्षक , यूट्यूबर और वर्तमान में अपने ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ( मुखिया ) भी हैं। वह एक कड़ी मेहनत और सिर्फ़ कड़ी मेहनत का एक आदर्श उदाहरण हैं जो आज हजारों नहीं बल्की लाखों युवाओं के मेंटर भी हैं। वह यूटयूब पर भारत का नंबर एक गणित शिक्षक हैं। यूटयूब पर मैथ्स मस्ती नाम पढ़ाते हुए मशहूर हुए। इसके अलावा अपने अच्छे कामों के वजह से इतने लोकप्रिय हुए की उनके ग्राम के लोगों ने उन्हें अपने पंचायत के मुखिया तक चुन लिया।      विपिन सर (मैथ्स मस्ती) का बचपन  वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ही गरीब परिवार में बिहार राज्य के वैशाली जिला के सलहा पंचायत में हुआ। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए उनके घर में इनसे पहले कोई भी ज्यादा पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे।   नाम विपिन कुमार राय पिता जी का नाम रामनरेश राय माता जी का नाम ज्ञात नहीं  जन्म तिथि 15-06-1991 जन्म स्थान महमदपुर (वैशाली) जिला वैशाली (बिहार) शैक्षणिक योग्यता इंटरमीडिएट विवाह 2012 पत्नी का नाम शालू यादव  ...

जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, हथकड़ी लगे हाथों से लिया ज्वाइनिंग लेटर; रचा नया इतिहास!

 हथकड़ी में सफलता! जेल में पढ़कर पास की BPSC परीक्षा, ज्वाइनिंग लेते ही रचा नया इतिहास  पटना: मेहनत और हौसले के आगे कोई भी दीवार बड़ी नहीं होती—इस कहावत को बिहार के बिपिन कुमार ने सच कर दिखाया है। बेऊर जेल में बंद इस कैदी ने ऐसा करिश्मा किया, जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया। जेल की सलाखों के पीछे रहकर उन्होंने BPSC परीक्षा पास की और अब हथकड़ी लगे हाथों से शिक्षक पद के लिए ज्वाइनिंग लेटर प्राप्त किया। कैसे बनी ये अनोखी कहानी? गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के एरकी गांव के निवासी बिपिन कुमार पर पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज है और वह पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं। लेकिन उन्होंने अपनी हालातों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। जेल में ही पढ़ाई जारी रखी और आखिरकार BPSC शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर ली। रविवार को जब बोधगया के महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में ज्वाइनिंग लेटर वितरण समारोह आयोजित हुआ, तो हथकड़ी लगे हाथों से बिपिन कुमार ने ज्वाइनिंग लेटर लिया। यह दृश्य देखने वालों के लिए हैरान करने वाला था। क्या उनकी नौकरी सुरक्षित रहेगी?  हालांकि, उनकी नियुक्ति फिलहाल औपबंधिक (Provisional) ...

बिहार के गांव के लड़के ने रचा इतिहास: बना जूनियर वैज्ञानिक, मिली बड़ी उपलब्धि!

बिहार के गांवों में छिपी प्रतिभाओं ने एक बार फिर से अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। एक साधारण परिवार से आने वाले इस होनहार लड़के ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गया है। इस प्रतिभाशाली छात्र को जूनियर वैज्ञानिक के तौर पर बड़ी पहचान मिली है। ग्रामीण परिवेश में सीमित संसाधनों के बावजूद इतनी बड़ी सफलता हासिल करना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। दिव्यांशु भूषण की यह उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखते हैं और कठिन परिश्रम से उन्हें पूरा करने की कोशिश करते हैं। उनके माता-पिता का गर्व स्वाभाविक है, और क्षेत्र के लोग भी उनकी इस सफलता से गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। प्रेरणा देने वाली कहानी यह लड़का बिहार के एक छोटे से गांव का रहने वाला है, जो समस्तीपुर जिला के विद्यापति नगर प्रखंड के बाजीतपुर गांव का सुदूर क्षेत्र है। जहां न तो तकनीक की भरमार है और न ही उच्च शिक्षा के साधन। बावजूद इसके, उसने अपनी पढ़ाई और वैज्ञानिक अनुसंधान में रुचि से यह मुकाम हासिल किया। सीमित संसाधनों के बावजूद उसने विज्ञान और तकनीक में गहरी रुचि दिखाई। जू...