बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार ने नीरा की खासियत बताई. बोले-यह स्वास्थ्यवर्धक एवं उपयोगी पेय पदार्थ है.
नीतीश कुमार ने कहा कि ताड़ी बहुत खराब चीज है सेहत के लिए.लोग, ताड़ के पेड़ से ताड़ी नहीं बल्कि नीरा निकालें इसके साथ उन्होंने ये भी कहा की जो लोग तारी के बदले नीरा का काम करेंगे उन्हें सरकार 1 लाख रुपये तक की मदद करेगी, ताकि वे अपने परिवार की बेहतरी के लिए दूसरा काम भी कर सकें.
नीरा के उत्पादन व कारोबार को बढ़ाया जाए। इससे बाहर के व्यापारियों को भी जोड़ा जाए, ताकि यह व्यवसाय और फायदेमंद हो सके. इससे ताड़ी का व्यवसाय भी रुकेगा। नीरा के कारोबार से लोगों की आमदनी बढ़ेगी. परंपरागत रुप से ताड़ी के कारोबार से जुड़े परिवारों को नीरा उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाए और उन्हें लगातार आमदनी से जोड़ा जाए.
आइए जानतें हैं आखिर क्या होता है नीरा ? : सूर्योदय के पहले ताड़ के पेड़ से नीरा निकलता है. सूर्योदय के बाद ताड़ी निकलता है. मुख्यमंत्री ने कहा-नीरा, 15 दिन तक खराब नहीं होता है। उसके बाद इससे पेड़ा, गुड़ आदि भी बनाया जा सकता है. तमिलनाडु की टीम बिहार आयी थी. कहा था कि यहां तमिलनाडु की अपेक्षा बिहार में नीरा उत्पादन की क्षमता अधिक है.